मधुमेह रोगियों के लिए वरदान है शलजम, लीवर को भी मिलते हैं फायदे
मधुमेह रोगियों के लिए वरदान है शलजम, लीवर को भी मिलते हैं फायदे
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मधुमेह आज के समय में एक आम समस्या है और यह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिससे आज के समय में अधिकतर लोग परेशान हैं। जी दरअसल यह एक क्रॉनिक डिसीज है, जिसमें ब्लड में ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है और यह अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। आप सभी को बता दें कि मधुमेह पीड़ित व्यक्ति को ऐसे फूड का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिनका जीआई लेवल कम हो। जी दरअसल मधुमेह रोगी अमूमन अपने फूड विकल्पों को लेकर अधिक सतर्क रहते हैं, क्योंकि उच्च मात्रा में कार्ब्स अंततः मेटाबोलाइज़ होने के बाद चीनी में बदल जाते हैं। ऐसे में ऐसे रोगियों को कटहल और जामुन जैसे खाद्य पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी जाती है। हालाँकि आपको अपनी डाइट में शलजम को भी जरूर शामिल करना चाहिए। जी हाँ क्योंकि इसमें कई तरह के विटामिन व मिनरल्स जैसे मैंगनीज, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और तांबा आदि पाऐ जाते हैं। इसी के साथ ही, यह पॉलीफेनोल्स, एंटीऑक्सिडेंट, पॉलीन्यूट्रिएंट्स का भंडार है। अब हम आपको बताते हैं इसके बारे में। 

जी दरअसल शलजम को मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श माना जाता है क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर की अधिकता के कारण यह रक्तप्रवाह में अवशोषित ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में मदद करता है। इसी के साथ ही, यह प्रभाव सीधे ग्लूकोज के स्तर को बढ़ने से रोकता है। आपको बता दें कि सॉल्यूबल फाइबर ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार करते हैं और टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में प्लाज्मा लिपिड एकाग्रता को कम करते हैं। इसके अलावा, फाइबर में उच्च होने के कारण यह आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है और आपको फुलनेस का अहसास करवाता है, जिससे आप अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करने से बचते हैं।

शलजम में एक एक्टिव पोटेंशियल कंपाउड पाया जाता है, जो इंसुलिन डिग्रेडिंग एंजाइम (आईडीई) के प्रभाव को रोकता है जो मधुमेह की कॉम्पलीकेशन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। इसी के साथ इसमें पाया जाने वाला एक अन्य संभावित यौगिक काम्फेरोल है जो रक्त में रिस्टोर होने के बजाय ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए मांसपेशियों में ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ाता है। इससे ब्लड में शुगर लेवल एकदम से स्पाइक नहीं करता है। इसी के साथ ही, शलजम में मौजूद क्वेरसेटिन ब्लड शुगर लेवल को कम करता है और इंसुलिन सेंसेटिविटी में भी सुधार करता है। जी हाँ और अगर आप मधुमेह रोगी हैं तो आप शलजम को कई अलग-अलग तरीकों से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। आप शलजम और जुकीनी का सूप पी सकते हैं। इसके अलावा अदरक के साथ रोस्टेड शलजम खा सकते हैं।

शलजम से मिलते हैं यह भी फायदे-  शलजम लीवर को हेल्दी बनाए रखने में मददगार है। शलजम में विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स होते हैं जो लीवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा शलजम में पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई जाती है, जिसके कारण यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसी के साथ शलजम कैंसर के खतरे को भी कम करने में मददगार है।

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