कोरोना वायरस को लेकर जहां पूरी दुनिया जहां वैक्सीन बनाने में लगी है, वहीं सरकार और मीडिया, सोशल मीडिया पर वायरल फर्जी वीडियो और फोटो को लेकर एक अलग ही लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं सरकार ने एक आदेश भी जारी किया है जिसके तहत कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है लेकिन कुछ लोग आदेश को दरकिनार करके बिना जांच किए सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट शेयर कर रहे हैं। अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हुआ था जिसे लेकर दावा किया गया था कि एक समुदाय के लोग कोरोना वायरस फैलाने के मकसद से बर्तनों को चाट रहे हैं।
इसके साथ ही फेसबुक पर Public सब जानती है पेज पर भी इस वीडियो को शेयर किया गया और कैप्शन लिखा गया "मस्जिदों में छुपे मुसलमान खाली बर्तनों को झूठा करते हुए जिससे ज्यादा से ज्यादा ये महामारी फैल सके ये मुसलमान पहले से ही कोरोना ग्रसित है ये लोग जानते है और सरकार इन्हें पकड़ के इलाज करा रहे है, आखिर क्यों भारत में कोरोना फैल नहीं रहा है बल्कि फैलाए जा रहा हैं। फ़िलहाल पेज से अब इस वीडियो को डिलीट कर दिया गया है। इसके साथ ही गूगल पर ‘Muslims licking utensils’ सर्च करने पर 31 जुलाई 2018 का एक वीडियो मिलता है। वहीं यह यही वीडियो है जिसे अब 2020 में वायरल किया जा रहा है। 2018 के वीडियो का कैप्शन लिखा है कि दाऊदी बोहरा बर्तनों से बचे हुए भोजन को चाटते हैं, जिससे एक भी अन्न बर्बाद ना हो।
वहीं प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेकिंग टीम ने इस वीडियो को फर्जी करार दिया है। पीआईबी ने ट्वीट करके कहा है कि एक वीडियो में दावा किया जा रहा है और इसे सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है कि #Coronavirus फैलाने के लोग बर्तनों को चाट रहे हैं। #PIBFactcheck द्वारा इस वीडियो की पड़ताल की गई और पाया गया है कि यह वीडियो पुराना है और इसका #Covid19 को फैलाने से कोई संबंध नहीं है। वहीं यह वीडियो 2018 में भी इसी तरह के दावे के साथ वायरल हुआ था। तो आप सभी से गुजारिश है कि सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर आए किसी भी फोटो, मैसेज और वीडियो को भावनाओं में आकर फॉरवर्ड ना करें। पहले उसकी सच्चाई जानने की कोशिस करें और उसके बाद ही उसके बारे में कोई निर्णय लें।
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