सबरीमाला मामले पर बोली तृप्ति देसाई, कहा- महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक
सबरीमाला मामले पर बोली तृप्ति देसाई, कहा- महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक
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नई दिल्ली: केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री के खिलाफ दाखिल रिव्यू पेटिशन पर सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों की बेंच फैसला नहीं सुना पाई. अब ये मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया है. इस मामले को अब 7 जस्टिसों की बेंच सुनेगी. गुरुवार को पांच जजों की बेंच ने इस मामले को 3:2 के निर्णय से बड़ी बेंच को सौंप दिया है. सबरीमाला मसले पर फैसला पढ़ते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले का असर सिर्फ इस मंदिर नहीं बल्कि मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, अग्यारी में पारसी महिलाओं की एंट्री पर भी पड़ेगा.

वहीं, इस मामले से सम्बंधित भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई ने कहा है कि, 'अब वक़्त आ गया है कि पुराने रिवाजों को बदला जाए. महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाना असंवैधानिक है, गलत परंपरा को जारी नहीं रख सकते हैं. यह महिलाओं के हक़ की बात है. 21वीं सदी में हम पितृसत्ता की पद्धति को स्वीकार नहीं करेंगे.' गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने महिलाओं की एंट्री की अनुमति दे दी थी. 

इसके बाद शीर्ष अदालत ने 28 सितंबर 2018 के फैसले को बरक़रार रखते हुए सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को जारी रखा और इस पर स्टे देने से स्पष्ट इनकार कर दिया. हालांकि, इस फैसले के खिलाफ दाखिल रिव्यू पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यह केस बड़ी बेंच को सौंप दिया है. वहीं, फिलहाल मंदिर में अदालत के पुराने फैसले के मुताबिक महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा.

 

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