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त्रिपुरा / अगरतला : त्रिपुरा ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वित्त वर्ष 2014-15 में प्रत्येक परिवार को 88 दिनों का रोजगार उपलब्ध करा कर लगातार छठे साल शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। एक कैबिनेट मंत्री ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। त्रिपुरा के ग्रामीण विकास मंत्री नरेश जमातिया ने यहां संवाददाताओं को बताया, "त्रिपुरा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पिछले छह सालों से औसतन सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध करा रहा है।"
उन्होंने कहा, "वित्त वर्ष 2014-15 में त्रिपुरा ने प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को 88 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 40 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने की है।"
मंत्री ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की रपट का हवाले से कहा, "त्रिपुरा 2009-2010 से ग्रामीण रोजगार उपलब्ध कराने में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।"
रपट के मुताबिक, त्रिपुरा के बाद 53 दिनों के ग्रामीण रोजगार के साथ महाराष्ट्र दूसरे, आंध्र प्रदेश तीसरे (47 दिन), राजस्थान चौथे (45.71 दिन) और मेघालय पांचवे (46.42) स्थान पर है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के तहत वित्त वर्ष में राज्य के प्रत्येक ग्रामीण परिवार से कम से कम एक सदस्य को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही गई है।
केंद्र सरकार की एमजीएनआरईजीएस पर प्रदर्शन रपट के मुताबिक, देश भर की 249,542 पंचायतों में से 33,670 पंचायतों ने किसी भी श्रमिक को कोई रोजगार उपलब्ध नहीं कराया।
ये 33,670 पंचायतें ज्यादातर महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में हैं।
जमातिया ने कहा कि त्रिपुरा व्यापार संवाददाताओं के जरिए एमजीएनआरईजीएस कामगारों को उनके घर के दरवाजे पर ही मेहनताना उपलब्ध करा रहा है।