कई लोगों में बचपन से ही बांये हाथ से काम करने के आदी हो जाते हैं लेकिन जब वो बांये हाथ से तो घर के बड़े-बूढ़े उन्हें बांये हाथ से खाने से टोकते हैं। क्या आपने कभी सोचा हैं कि क्यों दांये हाथ से खाने की आदत दिलाते हैं और क्यों बांये हाथ से खाने को अच्छा नहीं माना जाता हैं। हिंदू धर्म में बांए हाथ से भोजन खाना शुभ नहीं माना जाता है वैसे दाएं हाथ से ही भोजन करने के पीछे यह मान्यता है कि दाया हाथ सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कारता है। हिंदू धर्म में सीधे हाथ से खाने पर जोर इसलिए दिया जाता है क्योंकि ये माना जाता है कि जब हम कोई शुभ कार्य करते है तो उससे हमें कोई सकारत्मक प्रभाव दिखाई देता है।
ध्यान देने वाली बात ये है की बाएं हाथ के बारे में यह मान्यता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, इसलिए बाएं हाथ से खाना खाने के लिए मना किया जाता है। साथ ही, बाएं हाथ से भोजन करना शुभ नहीं माना जाता है। तो आप कह सकते हैं कि हिंदू धर्म में किसी भी काम, परंपरा के पीछे एक मकसद होता है तो कहीं एक वैज्ञानिक कारण होता है। इसके पीछे भी जो एक कारण है वो सकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक ऊर्जा का। इसलिए ऐसे काम दाएं हाथ से ही करने चाहिए। इस वजह से पूजा-पाठ, हवन करते समय हमें दाएं हाथ इस्तेमाल करने को कहा जाता है। इसी तरह हमारे भोजन करने के जुडा तथ्य यह है कि अगर हम दाएं हाथ से भोजन करेंगे तो हमें खाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।
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