ऋषिकेश। दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बेहद महंगा है। एम्स के रोगियों को उपचार हेतु लगभग 15 गुना अधिक भुगतान देना पड़ता है। दरअसल रेट कार्ड में जो रूपए लिखे जाते हैं, उससे लगभग 15 गुना अधिक का खर्चा होता है। मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में नाॅर्मल डिलीवरी प्राइवेट वार्ड में 2 हजार रूपए में उपलब्ध होती है, इस तरह की डिलीवरी ऋषिकेश एम्स में साड़े सात हजार रूपए में मिलती है।
हालात ये हैं कि, जहां निजी चिकित्सालय में या अन्य किसी उपचार स्थल पर नी रिप्लेसमेंट के लिए 90 हजार रूपए देना पड़ते हैं वहीं, दिल्ली के एम्स के निजी वार्ड में करीब 8 हजार रूपए में ही उपचार हो जाता है। कैंसर की रेडियोथेरेपी करीब 3 हजार रूपए में हो जाती है जबकि, ऋषिकेश में इसके लिए 29 हजार रूपए देना पड़ जाते हैं। मिली जानकारी के अनुसार, 3 अक्टूबर को संस्था द्वारा सर्कुलर जारी करने के बाद, इस तरह का निर्णय हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश से रोगियों के उपचार हेतु लोग आते हैं। विभिन्न क्षेत्रों व चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सा व उपचार शुल्क अलग - अलग होने को लेकर एम्स के निदेशकों की विशेषज्ञ समिति शुल्क ढांचा तय करेगी।
मसलन दिल्ली स्थित एम्स में कोई उपचार सस्ते हैं तो, ऋषिकेश में वे महंगे हैं, साथ में भोपाल में उसकी दर काफी अलग है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना से संबंधित वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, मंत्रालय ने सातों एम्स में शुल्क संरचना रखने का निर्णय लिया है। इस मामले में जानकारी सामने आई है कि, स्वास्थ्य समिति सचिव की अध्यक्षता में बैठक कर शुल्क निर्धारण करेगी। जिसके बाद इन उपचारों के शुल्क निर्धारित होंगे।
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