ऑल इंडिया फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर में 2-3 दिनों तक सप्लाई पर बुरा असर पड़ेगा. फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर एस.पी सिंह ने कहा कि हड़ताल का ज्यादा असर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सप्लाई पर ही पड़ेगा. हड़ताल लंबी खिंची तो कुछ श्रेणी के उपभोक्ताओं को सामान की किल्लत का भी सामना करना पड़ सकता है.ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन, दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन फिलहाल इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं.इस देश व्यापी हड़ताल का असर पुरे देश में देखने को मिलने के असर है . हालांकि इससे फल सब्जी दूध और किराना जैसी चीजों के प्रभावित होने की उम्मीद कम है मगर व्यापारिक स्टार पर इसका प्रभाव व्यापक हो सकता है. हड़ताल अनिश्चित काल के लिए है .
हड़ताल के मुख्य कारण-
-सरकार डीजल से रोड टैक्स के रूप में 8 रुपये प्रति लीटर और टोल चार्ज के रूप में 8 रुपये प्रति किलोमीटर वसूल रही है.
-इससे करीब 3000 करोड़ रुपये का रोजाना नुकसान हो रहा है.
-जीएसटी लागू होने के बाद से ही ट्रांसपोर्ट एकजुट हड़ताल पर सहमति बनाने की कवायद में थे.
केजरीवाल पर लगातार हमलावर अजय माकन
भूख हड़ताल वालों के सामने आलू के पराठे खाते हैं केजरीवाल -प्रवेश सिंह
खूब करो साहेब कोशिश हमें मिट्टी में दबाने की- केजरीवाल