बारिश के समय में और भी आकर्षित करते है ये स्थान
बारिश के समय में और भी आकर्षित करते है ये स्थान
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भारत के उत्तरी भाग को हमेशा से उसकी प्राकृतिक ख़ूबसूरती के कारण पहचाना जाता है. देश के इस भाग में एक से बढ़ कर एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्थान हैं. इन स्थानों की ख़ूबसूरती मानसून आने के बाद और भी अधिक हो जाती है. मॉनसून के माह में यहां पर आने के बाद इंसान को ऐसा लगता है कि जैसे वो एकदम से प्रकृति की गोद में चुका हो.

1. पहलगाम: 7200 फ़ीट की ऊंचाई पर बसा पहलगाम, जम्मू-कश्मीर का सबसे ख़ूबसूरत हिल स्टेशन कहा जाता है. पहलगाम, उत्तर भारत के उन बेहतरीन स्थानों में से एक है, जहां पर जा कर मानसून का भरपूर मज़ा लिया जा सकता है.

मॉनसून के समय तापमान: 15-17 सेंटीग्रेड तक रहता है.

प्रमुख दर्शनीय स्थल: शेषनाग झील, बैसारन पहाड़ी, कोलहोई  ग्लेशियर, लिद्देर एम्यूजमेंट पार्क

पहुंचने का साधन: श्रीनगर सबसे पास हवाई रास्ता है, जहां से पहलगाम की दूरी 95 किमी है. जबकि सबसे 255 किमी की दूरी पर बसा जम्मू का सबसे पास रेलवे स्टेशन है.

2. कौसानी: उत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले में बसा कौसानी, मानसून के बीच पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रहता है. उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने में कौसानी का सबसे अधिक योगदान है. कौसानी लोगों के मध्य 'भारत के स्विटज़रलैंड' नाम से जाना जाता है. यहां पर नन्दा देवी का मशहूर मंदिर देखने योग्य है.

मानसून के दौरान तापमान: औसतन 10-25 डिग्री सेन्टीग्रेड के मध्य रहता है.

आकर्षण के प्रमुख केन्द्र: गांधी आश्रम, रूद्रधारी फॉल्स और गुफा, चाय के बागान, अनास्कित आश्रम के अलावा यहां कई ऐसी जगहें हैं, जिन्हें देख सकते है.

देखने और करने लायक चीज़ें: नन्दा देवी का सूर्योदय, आदि कैलाश और बागेश्वर से ले कर सुन्दरढूंगा की यात्रा, बर्ड वाचिंग.

पहुंचने का रास्ता: कौसानी से 177 किमी पर बसा हुआ पंतनगर सबसे पास हवाई अड्डा है, जबकि रेल से जाने वाले के लिए काठगोदाम रेलवे स्टेशन सबसे पास है. जहां से कौसानी की दूरी 136 किमी है.

3. करजात: करजात, वीकेंड की छुट्टियां मनाने के लिए जाना जाता है. ये उल्हास नदी के किनारे महाराष्ट्र में बसा हुआ  है. करजात यात्रा करने के लिए स्वर्ग के समान है. उल्हास नदी की घाटियां, वहां का वॉटरफॉल और रॉफ़्टिंग पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव कराती है.

मानसून के दौरान तापमान: औसतन 20-25 डिग्री सेंटीग्रेड.

आकर्षण के प्रमुख केन्द्र:  कोठालीगाड, चंदेरी गुफा, भीवपुरी जलप्रपात, जिसके अतिरिक्त भी बहुत कुछ है.

देखने और करने लायक चीजें: कोंदाना गुफा देख सकते हैं, सीढ़ियों के सहारे भीमाशंकर की यात्रा, हाथ से बनी कलात्मक वस्तुएं की खरीददारी.

पहुंचने का साधन: छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से करजात की दूरी 90 किमी है. रेल से जाने के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता  ही नहीं है, क्योंकि करजात ख़ुद एक रेलवे स्टेशन है.

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