नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस और विपक्षी दलों ने अडाणी समूह के खिलाफ चर्चा की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, जो अब सांसद बन चुकी हैं, संसद परिसर में रोज़ नए तरीके से अडाणी मुद्दे को उठाने में जुटे हुए हैं। इन प्रदर्शनों के कारण संसद का एक हफ्ता पहले ही बर्बाद हो चुका है, लेकिन हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा।
मंगलवार को राहुल और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सांसद संसद परिसर में काले झोले लेकर प्रदर्शन करते नज़र आए। इन झोलों पर पीएम नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी के कार्टून बने हुए थे, और "मोदी-अडाणी भाई-भाई" लिखा था। इससे पहले, राहुल गांधी ने काले जैकेट और मुखौटों के जरिए प्रदर्शन किया था। राहुल गांधी और कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी और अडाणी के बीच मिलीभगत है, जिसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच होनी चाहिए। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अमेरिकी एजेंसी द्वारा अडाणी समूह पर लगाए गए आरोपों का हवाला देते हुए जांच की मांग कर रहे हैं। राहुल गांधी ने तो अडाणी की तत्काल गिरफ्तारी तक की मांग कर डाली है।
केंद्र सरकार ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा है कि यह मामला न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसे संसद में घसीटना उचित नहीं है। अडाणी समूह ने भी कांग्रेस के आरोपों को "निराधार" बताया है। प्रियंका गांधी, जो अब सांसद हैं, राहुल गांधी के साथ हर दिन संसद में प्रदर्शन कर रही हैं। दोनों भाई-बहन संसद परिसर में कभी नारेबाज़ी, तो कभी झोले और मुखौटों के जरिए अडाणी मुद्दा उठाते रहे हैं। सोमवार को राहुल गांधी ने मुखौटों के साथ नकली इंटरव्यू के जरिए पीएम मोदी और अडाणी पर निशाना साधा।
शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शनों ने संसद की कार्यवाही को बाधित किया है। अब तक संसद का एक हफ्ता बर्बाद हो चुका है, और बहस के बजाय हंगामा जारी है। केंद्र सरकार का कहना है कि कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रही है और सदन का समय नष्ट कर रही है। लेकिन राहुल और प्रियंका गांधी मानने को तैयार नहीं हैं।
यह राजनीतिक खींचतान संसद की गरिमा को प्रभावित कर रही है और देश के अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए निर्धारित समय को व्यर्थ कर रही है।