आज का वो खौफनाक दिन जो कोई नहीं भुला सकता
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अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस एक अंतर्राष्ट्रीय स्मृति दिवस के रूप में भी पहचाना जाता है, जो हर वर्ष 27 जनवरी को इसे सेलिब्रेट किया जाता है। यह दिन होलोकॉस्ट के पीड़ितों की याद में मनाया जाता है। बता दें कि 1933-1945 के बीच नाजी जर्मनी द्वारा प्रलय के परिणामस्वरूप एक तिहाई यहूदी लोगों और अन्य अल्पसंख्यकों के अनगिनत सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था। इतना ही नहीं 27 जनवरी को इस दिन को मनाने के लिए चुन लिया गया था, क्योंकि इसी तारीख को रेड आर्मी ने 1945 में ऑशविट्ज़ उत्पीडन शिविर को मुक्त कराया था।

खबरों का कहना है कि होलोकॉस्ट को शोह (Shoah) के नाम से भी पहचाना जाता है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बीच यूरोपीय यहूदियों का नरसंहार था। 1941 और 1945 के बीच नाजी जर्मनी ने जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप में लगभग 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी थी।

संयुक्त राष्ट्र अपने अधिकारों, सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं, इतिहास और उनकी गरिमा को पुनः प्राप्त करने के लिए बचे लोगों द्वारा किए गए कार्यों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए होलोकॉस्ट स्मारक और शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन भी कर रहा है। UN चैंबर म्यूजिक सोसाइटी पीड़ितों की याद में एक वर्चुअल कंसर्ट भी कर रही है। इस संगीत कार्यक्रम में एक शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम शामिल है इसमें यहूदी संगीतकार और पश्चिम-पूर्वी दिवान ऑर्केस्ट्रा के संगीतकारों के विशेष प्रदर्शन शामिल किया जा चुका है।

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