त्रासदी के 31 साल : बच्चो में आज तक है भोपाल गैस कांड का असर
त्रासदी के 31 साल : बच्चो में आज तक है भोपाल गैस कांड का असर
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भोपाल : वर्ष 1984 का भोपाल, विश्व की भीषण औद्योगिक त्रासदी, गैस हादसे की 31 वीं बरसी के एक दिन पूर्व गैस पीडि़तों के उपचार के लिए काम करने वाले एनजीओ संभावना ट्रस्ट द्वारा एक अध्ययन जारी किया गया। जिसमें अध्ययन करने वालों ने कहा कि इस गैस त्रासदी के निशान आज भी मौजूद हैं। दरअसल यूनियन कार्बाईड फैक्ट्री के आसपास का जो क्षेत्र प्रदूषित हो गया था। उससे प्रभावित क्षेत्रों में जो बच्चे पैदा हुए उनमें जन्मजात कुछ विकृति थी। ऐसे 2500 बच्चों की पहचान की गई। संगठन ने सरकार से ऐसे और बच्चों का पता लगाने और उनका उचित उपचार करवाने की मांग भी की है। 

दरअसल इन क्षेत्रों में भूजल प्रदूषित हो गया था। सतीनाथ सारंगी द्वारा कहा गया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार को यूनियन कार्बाईड के जहर से पीडि़त माता - पिता के जन्मजात विकृतियों के साथ बच्चे पैदा हो रहे थे। बच्चों की पहचान की गई और उनके उपचार की पूरी व्यवस्था भी की गई। भोपाल गैस कांड के पीडि़तों और प्रदूषित भूजल प्रभावितों को मुफ्त में उपचार दिया गया। यूनियन कार्बाइड के कारखाने के समीप रहने वाले 20 हजार से भी अधिक परिवारों के करीब 1 लाख से अधिक लोगों पर अध्ययन किया गया।

जिसमें यह बात सामने आई कि वर्ष 1984 में भोपाल में हुई इस त्रासदी से प्रदूषित भूजल से प्रभावित, गैस और प्रदूषित भूजल दोनों से प्रभावित लोग आज भी बड़े पैमाने पर मौजूद हैं। इन बच्चों को आज भी उपचार की दरकार हैं। कई तो ऐसे हैं जिनमें जन्मजात विकृति हा गई है। दूसरी और पर्यावरण पर भी इसका विपरीत असर पड़ा है। 

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