मेरे पास बंगला है गाड़ी है नौकर है बैंक बेलेंस है तुम्हारे पास क्या है....मेरे पास माँ है..दीवार फिल्म का ये डायलॉग तो सभी को याद होगा ऐसी ही कई सुपरहिट फिल्मो में यादगार डायलॉग लिखने वाले सलीम खान का आज जन्मदिन है. बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में सलीम खान किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वह सलमान, अरबाज और सोहेल खान के पिता हैं. लेकिन उनकी एक अलग ही पहचान है वे हिंदी फिल्म इंस्डस्ट्री में सबसे सफल स्क्रिप्ट राइटर, स्क्रीनप्ले और डायलॉग राइटर हैं. सलीम खान आज 80 साल के हो गए हैं. लेकिन 1996 के बाद पर्दे और लेखन से लगभग दूर रहे इस 'इंदौरी खान' के बारे में ऐसी कई बातें हैं, जिनसे हम अनजान हैं.
सलीम खान की सफलता की बानगी जावेद अख्तर के बिना अधूरी है. यह इसलिए कि इन दोनों ने 70 और 80 के दशक में कुल 24 फिल्मों की पटकथा लिखी, जिसमें 20 फिल्में सुपरहिट हईं. यही नहीं, सलीम-जावेद की जोड़ी एक स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर पर्दे पर चमकने वाला पहला नाम भी था. यही नहीं, इस जोड़ी से पहले किसी को भी स्क्रिप्ट, स्क्रीनप्ले और डायलॉग लिखने का साझा काम नहीं दिया जाता था. सलीम खान का जन्म 24 नवंबर 1935 को इंदौर में हुआ, उनके पिता पुलिस में थे. कच्ची उम्र में ही सलीम खान के सिर से मां का साया उठ गया.
1964 में सलीम खान ने महाराष्ट्र की ब्राह्मण लड़की सुशीला चरक से शादी की. शादी के बाद सुशीला ने नाम बदलकर सलमा रख लिया और 27 दिसंबर 1965 को उन्हें सलमान खान के रूप में संतान का सुख मिला. सलीम और सलमा के चार बच्चे हैं. सलमान के बाद अरबाज खान, सोहेल खान और अलविरा. 1981 में सलीम खान ने अपने जमाने की मशहूर डांसर हेलेन से शादी की. दोनों को कोई औलाद नहीं हुई, जिसके बाद करीब दो दशक पहले उन्होंने एक छोटी बच्ची को गोद लिया और नाम रखा अर्पिता.
मुंबई आकर सलीम खान की इच्छा एक्टर बनने की थी. छोटे-मोटे किरदार के लिए उन्हें शुरुआत में 400 रुपये प्रतिमाह के वेतन पर रखा गया. लेकिन उन्होंने अपनी पहचान एक लेखक के रूप में बनाई. उन्होंने जावेद अख्तर के साथ मिलकर कई बेहतरीन फिल्मो की कहानी लिखी. जिनमे शोले, शक्ति, दीवार,क्रांति, जंजीर, त्रिशूल,डॉन, यादो की बारात, कला पत्थर, शान, दोस्ताना और हाथी मेरे साथी जैसी कई बड़ी हिट फिल्मे दी.