क्या स्वतंत्र भारत में ऐसा कोई नेता हुआ है जो अपने कार्यालय जाने और कार्यालय से वापस जाने के लिए शासकीय वाहन का उपयोग न करता हो। मगर भारत के स्वाधीता संग्राम सेनानी और दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को लेकर यह कहा जाता है कि वे निजी कार्य के लिए शासकीय वाहनों का उपयोग नहीं करते थे। उन्हें अपने सख्त प्रशासन और पाकिस्तान के साथ ताशकन्द में युद्ध समाप्ति के समझौते को लेकर जाना जाता है। इस वीर सेनानी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में हुआ। वे मुगलसराय में जन्मे थे। उनके पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था। उन्हें प्यार से नन्हे कहा जाता था।
वर्ष 1928 में उनका विवाह गणेश प्रसाद की पुत्री ललिता से हुआ था। वे 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। जब वे गोविंद वल्लभ पंत के मंत्रिमंडल में मंत्री बने और पुलिस मंत्री का कार्यभार संभाला तो उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी के स्थान पर पानी की बौछार का प्रयोग किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर कई महत्वपूर्ण कार्य किए। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने पर भी उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व का परिचय दिया। उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा भी दिया, जिससे सैनिकों का मनोबल बढ़ा। मगर ताशकंद सझौते के दौरान लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो गई।