खेल से राजनीतिक के मैदान तक लहराया अपनी प्रतिभा का परचम
खेल से राजनीतिक के मैदान तक लहराया अपनी प्रतिभा का परचम
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कांग्रेस भारतीय राजनीति का एक प्रमुख दल और देश के स्वाधीनता आंदोलन से ही राजनीति के केंद्र में रहा राष्ट्रीय राजनीतिक दल। इस दल ने देश को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई महत्वपूर्ण पदों पर सशक्त नेतृत्व दिया। इसी दल ने देश को प्रधानमंत्री के तौर पर प्रथम महिला नेतृत्व दिया लेकिन हम आज कांग्रेस की बात नहीं कर रहे हैं हम तो किसी और की बात कर रहे हैं जिनके नेतृत्व कौशल और सामाजिकता ने उन्हें देश की प्रथम नागरिक बना दिया।

जी हां, वर्ष 2007 में जब प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के नाम की घोषणा हुई तो सभी की निगाहें उस ओर उठ गईं लोग जानने के लिए उत्सुक होने लगे कि आखिर कौन हैं ये प्रतिभा देवी सिंह पाटिल। उनका विवाह 7 जुलाई 1965 को देवीसिंह रनसिंह शेखावत से हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद उन्हें एक पुत्र और एक पुत्री हुई।

अब तो बच्चा-बच्चा उनके नाम को जानता है। साड़ी में सजी भारतीय नेत्री की इमेज में इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी की तस्वीर लोगों की आंखों के सामने उभरती थी लेकिन अब प्रतिभा पाटिल की तस्वीर भी उनके सामन आ जाती है। प्रतिभा पाटिल ने किस तरह से राजनीति का सफर तय किया यह तो हम बताऐंगे ही लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे अपने विद्यार्थी जीवन में एक बेहतरीन खिलाड़ी थीं और काॅलेज के दिनों में वे काॅलेज क्वीन भी रहीं। तो आपके लिए प्रस्तुत है उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य -

जन्म -

प्रतिभा पाटिल का जन्म राजनेता नारायण राव पाटिल के घर हुआ था। उनका जन्म 19 दिसंबर 1934 को नदगांव महाराष्ट्र में हुआ था। इसके बाद जब वे कुछ बड़ी हुई तो उनका दाखिला जलगांव के आरआर विद्यालय में करवा दिया गया। इतना ही नहीं वे जलगांव के मूलजी जेठा महाविद्यालय में भी पढ़ीं।

शानदार खिलाड़ी

प्रतिभा में बचपन से ही प्रतिभा कूट-कूटकर भरी थी। वे स्कूल के दिनों से ही खेल में इंट्रेस्ट लेती थीं। उन्होंने सरकारी लाॅ काॅलेज से लाॅ में अध्ययन किया। इसके बाद वे राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में मास्टर्स करने के लिए आगे पढ़ाई करती रहीं। उन्हें टेबल टेनिस खेलना भी बहुत अच्छा लगता था और वे इसकी एक बेहतर खिलाड़ी थीं।

समाजकार्य में योगदान

प्रतिभा पाटिल लोगों के लिए कुछ करना चाहती थीं उन्होंने लाॅ का अध्ययन करने के बाद वकालत प्रारंभ की और अपनी शुरूआत जलगांव के जिला न्यायालय से की। मगर जल्द ही वे राजनीति में आ गईं 27 वर्ष में राजनीति में आने के साथ ही उन्होंने जलगांव से राज्य विधानसभा की सीट जीती। 1962 से वे 4 वर्ष तक विधायक रहीं। दरअसल उन्हें मुक्ति नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचन का अवसर मिला और उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की।

संभाला मंत्री पद

प्रतिभा पाटिल ने 1967 से 1972 तक मंत्री पद भी संभाला वे शिक्षा उपमंत्र रहीं। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी बैंक और ऋण संस्थाओं की निदेशक व भारतीय संघ की शासी परिषद सदस्य के तौर पर भी कार्य किया। इसके बाद उन्हें राजस्थान में मौका मिला और 8 नवंबर 2004 को उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल का काम संभाला। मगर वर्ष 2007 में रायसीना हिल्स पर मौजूद राष्ट्रपति भवन के दरवाजे उनके लिए खुल गए और यहीं से भारत को उनके राजनीतिक कौशल का लाभ मिला। प्रतिभा पाटिल ने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान भारतीय महिला नेत्रियों के कौशल का परिचय देकर सभी को प्रभावित किया।

काॅलेज में बनीं क्वीन

क्या आप जानते हैं प्रतिभा पाटिल अपने विद्यार्थी जीवन में खिलाड़ी रहने के ही साथ काॅलेज क्वीन भी बनीं थीं जी हां, उनकी सुंदरता ने सभी को अपनी ओर खींचा था। वर्ष 1962 में उन्होंने मूल जी जेठा महाविद्यालय में काॅलेज क्वीन का अवार्ड मिला था।

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