उज्जैन: सावन की तीसरी सोमवारी पर भक्ति का माहौल चरम पर है। वाराणसी के विश्वनाथ धाम, उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर, और देवघर के बैजनाथ धाम समेत देश भर के शिव मंदिरों में भक्तों ने महादेव की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने जलाभिषेक कर भक्ति भाव से भगवान शंकर की आराधना की। श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल ने अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रात ढाई बजे जागे. वीरभद्र एवं मानभद्र की आज्ञा लेकर सबसे पहले चांदी का द्वार खोला गया। इसके बाद गर्भगृह में भगवान महाकाल का शृंगार किया गया और भस्म आरती की गई।
पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि इस विशेष दिन पर बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया गया। उन्हें फूलों की माला से सजाया गया और नवीन मुकुट पहनाया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। पूरे मंदिर परिसर में जय श्री महाकाल की ध्वनि गूंज उठी। भस्म आरती के चलते पूर्व नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह अपने परिवार के साथ बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर दर्शन किए। मंदिर परिसर में श्रद्धालु ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए नजर आए। दर्शन के बाद, श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर के अन्य मंदिरों के दर्शन भी किए।
वहीं, वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़े। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अफसर विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इस सोमवारी को काशी द्वार से नियमित दर्शन करने वाले नेमी कार्ड धारक प्रातः 4 से 5 और शाम को 4 से 5 दर्शन कर सकेंगे। आज सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा अर्धनारीश्वर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं।
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