गंगा किनारे बसे काशी को भगवान शिव की नगरी और भोलेनाथ को काशी का महाराजा कहा जाता है. यहां का काशी विश्वनाथ मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शनों के लिए हर रोज लाखों भक्त आते हैं, लेकिन सोमवार का दिन विशेष होता है. यहां की गंगा आरती दुनिया भर में प्रसिद्ध है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए मोदी जी ने सड़क में आने वाले 80 मुसलमानों के घरों को खरीदना शुरू कर दिया. जब इन मकानों को गिराया गया, तो इसमें 45 पुराने मंदिर पाए गए. बता दे कि जब औरंगजेब ने मूल काशी विश्वनाथ मंदिर को मस्जिद में बदल दिया, तो उसने अपने कुछ सैनिकों को मस्जिद के पास रहने के लिए स्थान दिया. उन सैनिकों ने आसपास के छोटे मंदिरों पर कब्जा कर लिया और इन मंदिरों पर अपने घरों का निर्माण कर लिया.
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अगर बात करे इस पौराणिक मंदिर की तो बाबा विश्वनाथ के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध यह शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. कहा जाता है कि गंगा किनारे स्थापित इस मंदिर की स्थापना 1490 में हुई थी. मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव गंगा के किनारे इस नगरी में निवास करते हैं. उनके त्रिशूल की नोक पर काशी बसी है. भगवान शिव काशी के पालक और संरक्षक है, जो यहां के लोगों की रक्षा करते हैं.
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