घर की समृद्धि बढ़ाना है तो स्नान कब और कैसे करें...
घर की समृद्धि बढ़ाना है तो स्नान कब और कैसे करें...
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सुबह के स्नान को धर्मशास्त्र में चार उपनाम दिए है.

(1) मुनि स्नान -: जो सुबह 4 से 5 के बीच किया जाता है. ये सर्वोत्तम स्नान है. इससे घर में सुख, शांति, समृद्धि, विद्या, बल, आरोग्य, चेतना प्रदान करता है.

(2) देव स्नान  -:  जो सुबह 5 से 6 के बीच किया जाता है. ये उत्तम स्नान है. इससे यश, कीर्ति, धन, वैभव एवं संतोष की प्राप्ति होती है.

(3) मानव स्नान -: जो सुबह 6 से 8 के बीच किया जाता है. ये सामान्य स्नान है. इससे काम में सफलता, भाग्य, अच्छे कर्मो की सूझ, परिवार में एकता, मंगलमय प्रदान करता है.

(4) राक्षसी स्नान -: जो सुबह 8 के बाद किया जाता है. धर्म में निषेध है. दरिद्रता, हानि, क्लेश, धन हानि, परेशानी प्रदान करता है.

पुराने ज़माने में लोग ब्रहा मुहुर्त यानि सूरज निकलने से पहले ही स्नान करते थे. खासकर जो घर की स्त्री होती थी. चाहे वो माँ के रूप में हो, पत्नी के रूप में हो, बहिन के रूप में हो. घर के बड़े बुजुर्ग यही समझते है जिससे आपके घर में धन, वैभव, लक्ष्मी सदैव वास करती है.

उस समय एक मात्रा व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा-भरा परिवार चल जाता था, और आज के परिवार में चार सदस्य है सभी कमाते है फिर भी पूरा नहीं होता. प्रकृति का नियम है, जो भी उसके नियमों को पालन नहीं करता, उसका दुष्परिणाम सबको मिलता है. 

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