हाल ही में सनी देओल अभिनीत 'मोहल्ला अस्सी’ के लीक हुए ट्रेलर से जब जाहिर हुआ कि फिल्म में गालियों का खूब उपयोग किया गया है, तो काफी बवाल मचा । फिल्म को रिलीज से पहले अच्छी पब्लिसिटी मिल गयी । अब एक ओर फिल्म आ रही है जिसमें गालियों की भरमार है। बताया जा रहा है कि यह फिल्म "तितली’ मोहल्ला अस्सी से भी पचास कदम आगे है।
नवोदित निर्देशक कनु बहल की ये फिल्म यशराज बैनर और दिबाकर बैनर्जी द्वारा निर्मित है । इसकी चर्चा विश्व-स्तर पर होने लगी है । विशेष बात यह है कि आमतौर पर इसकी सराहना हो रही है। इसे सेंसर बोर्ड के सामने पिछले हफ्ते पेश किया गया । सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को रिलीज के लिए पास तो कर दिया है, बस "ए’ सर्टिफिकेट के साथ ।
सूत्रों के मुताबिक, फिल्म में गालियों और अन्य अपशब्दों के धड़ा-धड़ प्रयोग को सुनकर सेंसर बोर्ड के सदस्य चकित रह गये । एक सदस्य का तो यह कहना है कि "हम गालियों की लंबी सूची जानते हैं लेकिन जो तितली में प्रयोग हुई हैं वो तो अलग ही हैं । ये मां-बहन की रूटीन गालियों से भी आगे हैं ।“ ऐसी अनूठी गालियों के सिलसिले में क्या किया जाये ? इस प्रश्न पर सेंसर बोर्ड असमंजस में आ गया; क्योंकि यदि गालियों को हटाया जाता या बीप किया जाता तो पूरी फिल्म का इंपेक्ट ही कमजोर हो जाता। इसलिए अंततः इसे ‘A’ (वयस्कों के लिये) प्रमाणपत्र के साथ पास किया गया । सेंसर बोर्ड के इन्हीं सदस्य की राय है कि यह एक बहुत अच्छी फिल्म है । इसलिए ऐसी सख्त भाषा को भी मंजूर किया गया है