खर्राटों की खर्र -खर्र से बचने के उपाय
खर्राटों की खर्र -खर्र से बचने के उपाय
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बहुत से लोगों के लिए नींद में खर्राटे आना एक बड़ी समस्या होती है | दरअसल, यह उनसे पहले उनके नजदीक रहने वाले या परिजनों के लिए बड़ी समस्या होती है | गौरतलब है कि जब हम खर्राटें लेते हैं तो हमारा मुंह और गला; जीभ, गले का ऊपरी हिस्सा, तालु और यूव्यल टॉन्सिल और कंठशूल के विरुद्ध कम्पन करता है । खर्राटें लेने के कई कारण हो सकते हैं | वैसे, यह आम धारणा है कि मोटे लोग अधिक खर्राटें लेते हैं; कई विशेषज्ञ भी इससे सहमत हैं, उनके अनुसार अतिरिक्त फैटी टिशूज एअर पैसेज को दबाते हैं । जानकारों के मुताबिक इसके दो प्रमुख कारण हैं, एक तो सोने जाने से पहले शराब या अन्य नशे की चीज लेना और दूसरा सर्दी (कोल्ड) और एलर्जी के कारण यदि नाक बंद हो तो भी कई बार व्यक्ति खर्राटे लेते हैं । अन्य खर्राटें लेने वालों के अन्य विशेष कारण हो सकते हैं | खैर, यहाँ तो हम कारणों के बजाय उपायों की बात करना चाहते हैं |

खर्राटों की समस्या दूर करने के कुछ साधारण उपाय इस प्रकार हैं: 

  • सोने के समय बिस्तर पर कुछ अतिरिक्त तकिये लगाकर सर को थोड़ा ऊपर उठाकर रखे अर्थात पीठ के बल समतल पर ना लेटें। इससे आपके गले के टिशूज एअर पैसेज में रूकावट नहीं पैदा करेंगे ।
  • बिस्तर (बेड) पर सिरहाने को भी थोड़ा ऊँचा उठाकर रखें। इसके लिए बेड के ऊपर की टांगों के नीचे थोड़े मोटे गुटके लगा दें। इससे बेड थोड़ा ऊंचा हो जाएगा और खर्राटों की समस्या कम होगी।
  • खर्राटों वालों को हमेशा करवट लेकर सोना चाहिए। गहरी नींद में हो सकता है आपकी पोजिशन बदल जाय और आप करवट में न रहे | लेकिन सोते समय शुरुआत में तो कम से कम करवट लेकर सो सकते हैं । क्योंकि, सीधे सोने से आपकी जीभ और तालु, गले से हवा निकलने के रास्ते में बाधा बनते हैं।
  • नींद में भी खुद को करवट में रखने के लिए तकिए को पकड़कर सोने से अधिक लाभ नहीं मिलेगा। इसका बेहतर उपाय है कि आप जो भी कपड़े पहनकर सो रहे हैं, उसके पिछले हिस्से में टेनिस बॉल सी दें। रात में गहरी नींद के दौरान जब आप अपने बैक पर सोने की कोशिश करेंगे तो बॉल के कारण अपने-आप फिर करवट ले लेंगे।
  • नेजल स्ट्रिप के जरिये अपनी नाक को बाहर की ओर से टेप कर दें। यह आपकी नासिका छिद्र को खोल देगी और हवा का प्रवाह बेहतर हो जायेगा। यह सभी दवाई की दुकानों पर भी आसानी से मिल जाता है |
  • हर्बल गारगलिंग अर्थात पिपरमेंट माउथवॉश से कई बार कुल्ला करें | इससे गले और नाक में मौजूद लाइनिंग सिकुड़ जाएगी। यह खर्राटों की अस्थायी समस्या के लिए अधिक कारगर हो सकता है । हर्बल गारगलिंग के लिए एक ग्लास ठंडे पानी में कुछ बूंदे पिपरमेंट ऑयल की डालें, और उस पानी से 5-6 बार कुल्ले करें।
  • कमरे में साफ-सफाई रखे, एलर्जी पैदा करने वाली चीजों को नियमित रूप से साफ करते रहें, जैसे कमरे में बिछा कारपेट, चादर और तकिए का कवर, आदि । इससे नाक में कड़ापन (Hardness) की संभावना भी कम होगी।
  • यदि आपके खर्राटों की समस्या केवल मौसमी है तो उस खास मौसम में एलर्जी के लिए विशेष उपाय करें। इस दौरान रोजाना हर्ब्स युक्त चाय पिएं। इससे सूजन कम करने में मदद मिलती है।
  • बहुत बार अधिक वजन भी खर्राटों का कारण बनता है इसलिए शरीर का दस प्रतिशत तक वजन कम करने से ऊपरी एअर-पैसेज की सिकुड़न को कम करने में मदद मिलेगी।
  • यदि धूम्रपान की आदत हो तो उसे तुरंत छोड़ दें; इससे म्युकस मेब्रेंन असहजता हो जाती है, जिससे गले में सूजन आती है और एअर-पैसेज सिकुड़ जाता है। इसके आलावा धूम्रपान करने वालों को नाक बंद होने की समस्या भी अधिक होती है।
  • यदि आपको कोई खास दवा लेने के साथ खर्राटों की समस्या हैं तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। क्योंकि कुछ दवाओं के कारण खर्राटों की समस्या और भी बिगड़ जाती है; जैसे स्लीपिंग पिल्स के कारण।
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