दिवाली का पर्व आ चुका है और इस दिन जिधर भी निगाहें जाती हैं, रोशनी ही रोशनी नजर आती है। ऐसे में इस दिन लोग दीए जलाते और आतिशबाजी करते हैं लेकिन इस दौरान अतिउत्साहित होने में लोग सावधानी बरतना भूल जाते हैं। जी हाँ और ऐसी परिस्थितियों में कुछ लोगों के लिए यह दिन दर्दनाक भी साबित होता है। ऐसा होने पर कई बार तो परिस्थितियां इतनी गंभीर होती हैं कि अस्पताल तक जाने की नौबत आ जाती है। हालाँकि आज हम आपको बताते हैं आखिर दीए और पटाखे जलाते वक्त किसी भी तरह की अनहोनी होने पर क्या करें?
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पटाखे और रॉकेट जलाते वक्त आपको बहुत ही ज्यादा सावधानी बरतनें की जरूरत है। जी हाँ क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही आपकी आंखों को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। जी दरअसल अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं कि पटाखे जलाते वक्त व्यक्ति की आंखों में उसकी चिंगारी लग जाती है और यह स्थिति किसी के लिए भी काफी खतरनाक साबित हो सकती है। आपको पता हो पटाखों का धुआं आंखों को काफी नुकसान पहुंचाता है और आंखों में जलन होनी शुरू हो जाती है। हालाँकि ऐसी स्थिति के आने के बाद आंखों को ठंडे पानी से धोएं। ध्यान रखें कि बर्फ के टुकड़ों का उपयोग करने से बचें। आंखों को जबर्दस्ती छूने या रगड़ने की कोशिश बिल्कुल ना करें। इससे आंखों को और भी नुकसान पहुंच सकता है।
आंख को साफ कपड़े से ढकें और तुरंत अस्पताल पहुंचे। इस दिन कई बार जाने-अनजाने बच्चे और बड़े पटाखों, माचिस या मोमबत्तियों की लपटों के संपर्क में आ जाते हैं। इसके अलावा लपटों के संपर्क में आने वाले हिस्से पर छोटे और लाल घाव बन जाते हैं। दिवाली या किसी भी अन्य दिन ऐसी परिस्थिति सामने आती है तो शरीर के घाव वाले हिस्सों को 5 मिनट ठंडे पानी से धोएं। इस दौरान चोट पर औषधीय मरहम या एलोवेरा लगाएं और घाव पर मक्खन या टमाटर जैसे रसोई पदार्थों का इस्तेमाल करने से बचें। चोट को क्लिंग रैप या एल्युमिनियम फॉयल से लपेटें और ऐसी सामग्री का प्रयोग करें जो घाव से चिपके नहीं।
पट्टियों के तौर पर कपड़ों का उपयोग बिल्कुल भी ना करें। यह जलन में और इजाफा करेगा। इसके अलावा जले हुए घाव पर नारियल का तेल लगाया जा सकता है। दीए और पटाखों की चपेट में आने के बाद अगर आप या आपका कोई करीबी गंभीर रूप से जल जाता है या घायल हो जाता है तो उसका तत्काल प्राथमिक उपचार कराएं। घाव को पानी से धोएं। घाव को धोने के लिए आप एल्कलाइन साबुन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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