आयुर्वेद में तिल को तीव्र असरकारक औषधि के रूप में जाना जाता है. तिल तीन प्रकार का होता हैं. काला, सफ़ेद और लाल तिल. सभी के अलग-अलग गुणधर्म होते हैं. यदि पौष्टिकता की बात करें तो काले तिल शेष दोनों से अधिक फायदेमंद होता है. सफेद तिल की पौष्टिकता काले तिल से कम होती है जबकि लाल तिल निम्न श्रेणी का तिल माना जाता है.
तिल के फायदे:
1. तिल हजम करने के लिहाज से भारी होता है. खाने में स्वादिष्ट और कफनाशक माना जाता है।
2. यह बालों के लिए लाभप्रद माना गया है.
3. दाँतों की समस्या दूर करने के साथ ही यह श्वास संबंधी रोगों में भी लाभदायक है.
4. स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध की वृद्धि करता है.
5. पेट की जलन कम करता है.
6. बुद्धि को बढ़ाता है.
7. बार-बार पेशाब करने की समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए तिल का कोई मुकाबला नहीं है.
8. यह स्वभाव से गर्म होता है इसलिए इसे सर्दियों में मिठाई के रूप में खाया जाता है.
9. गजक, रेवड़ियाँ और लड्डू शीत ऋतु में ऊष्मा प्रदान करते हैं.
10. तिल में विटामिन ए और सी छोड़कर वे सभी आवश्यक पौष्टिक पदार्थ होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं.