अब कोटा में दिखेगा बाघ टी-91
अब कोटा में दिखेगा बाघ टी-91
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कोटा: कोटा के हाड़ौती मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व सेंचुरी 5 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बाघ की दहाड़ गूंज से गूँज उठा, वन विभाग ने बूंदी की रामगढ़ सेंचुरी में घूम रहे बाघ टी-91 को मुकंदरा में शिफ्ट कर दिया है, मुकंदरा को 9 अप्रैल 2013 में टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला था. रामगढ़ सेंचुरी के बांदरा पोल वनक्षेत्र में टी-91 बाघ को सुबह 5:30 बजे ट्रेंक्यूलाइज किया गया. सुबह 8:30 बाघ का हैल्थ चेकअप हुआ.

डॉ. राजीव गर्ग की हरी झंडी पर उसे वहां से रवाना किया गया. रामगढ़ सेंचुरी से मुकंदरा तक का रूट पुलिस ने पूरी तरह सील कर दिया था. मुकुंदरा में बाघों के लिए भोजन और पानी समेत सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए हैं. यहां पर दो बाघिन और एक बाघ को छोड़ा जाना प्रस्तावित था, जिसमें से बाघ को छोड़ दिया गया है. हाड़ौती के वन्यजीव प्रेमियों ने बाघ को लाने के लिए प्रयासरत झालावाड़ सांसद और नेशनल स्टैंडिंग कमेटी वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया के सदस्य दुष्यंत सिंह के साथ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का आभार प्रकट किया है. इनकी वजह से ही टाइगर रिजर्व को टाइगर मिल पाया है. 

हालांकि मंगलवार को हुए इस रिलोकेशन से मीडिया को दूर रखा गया, लेकिन फिर भी हड़ौती के वन्यजीव प्रेमियों में बाघ के आने से बहुत खुशी है.गौरतलब है कि रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से टेरेटरी न बन पाने के कारण 20 नवंबर से बाघ टी-91 रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभ्यारण के घने जंगलों में घूम रहा था. इसकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे खटकड़ के पास से इसको ट्रेंकुलाइज कर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया. 

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