ओमीक्रॉन की गलत रिपोर्ट बढ़ा सकती है परेशानी, ये तीन जीन वाली किट करेगी सटीक पहचान
ओमीक्रॉन की गलत रिपोर्ट बढ़ा सकती है परेशानी, ये तीन जीन वाली किट करेगी सटीक पहचान
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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के नए वेरियंट ओमीक्रॉन के वायरस में एक नई चुनौती यह देखी गई है कि कई बार RTPCR जाँच में वायरस की पुष्टि नहीं हो पाती है। ऐसा इसमें एस जीन के अनुपस्थित रहने की वजह से होता है। मगर एक भारतीय स्टार्टअप जीन्सटूमी की तीन जीन जांच आधारित किट इस संकट को टालती है। इस किट को दवा नियंत्रक और ICMR ने भी अनुमति प्रदान की है।

वही जीन्सटूमी की RTPCR किट कोरोना वायरस टेस्ट के चलते तीन जीन आरडीआरपी/ओआरएफ, ई और एन जीन की पहचान करती है। अब तक मौजूद अन्य RTPCR किट सामान्य रूप से जाँच के चलते दो जीन की ही पहचान कर पाती हैं। अधिकांश किट एस एवं एक अन्य जीन को सम्मिलित कर बनाई जा रही थीं। ओमीक्रॉन के बारे में बताया जा रहा है कि इसमें बड़े स्तर पर म्यूटेशन होने की वजह से कई जीन में परिवर्तन हुआ है। यहां तक की एस जीन भी गायब है। अधिकांश मौजूदा किट एस जीन के आधार पर ही संक्रमण की पुष्टि करती हैं। ऐसे हालात में टेस्ट की गलत निगेटिव रिपोर्ट आ सकती है।

वही जीन्सटूमी के संस्थापक और सीईओ नीरज गुप्ता ने बताया कि मौजूदा हालातों में जब ओमीक्रॉन का संक्रमण बढ़ रह है, ऐसे में तीन जीन की पहचान कर परिणाम देने वाली किट अधिक सटीक साबित हो सकती है। ऐसे हालात में ओमीक्रॉन के वायरस को भी सरलता से पकड़ा जा सकता है। ओमीक्रॉन के संकट के पश्चात् WHO ने भी तीन जीन वाली जांच किट की सिफारिश की है।

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