होली रंगो का त्योहार है. भारत देश में होली का त्योहार बहुत जोशो खरोश से मनाया जाता है. साथ ही भारत के विभिन्न शहरों में होली का त्योहार अलग ढंग से मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं वो 3 स्थान जहां आप होली का आनंद भी उठा सकते हैं और वहां की मान्यताओं के बारे में जान सकते हैं-
बांके बिहारी मंदिर- वृंदावन और होली का तो काफी पुराना नाता है. जैसी होली वृन्दावन में खेली जाती है वैसी आपको कहीं और देखने को नहीं मिल सकती. कथाओें में ऐसा वर्णन मिलता है कि स्वयं भगवान कृष्ण इस मंदिर में सफेद वस्त्रों में आए थे और उन्होंने वहां से अपने सभी भक्तों पर गुलाल और फूलों की वर्षा की थी. इसी प्रथा को कायम रखते हुए बांके बिहारी के पुजारी मंदिर में आए तमाम श्रद्धालुओं पर पुष्प और गुलाल की वर्षा की जाती है.
बरसाना- बरसाना की लट्ठमार होली सबसे प्रसिद्ध है. आपने इस प्रकार की होली को कई फिल्मों में देखा होगा. किन्तु लट्ठमार होली का जो आनंद बरसाना जाकर मिलता है वो किसी और तरीके से मिल ही नहीं सकता. दरअसल, लट्ठमार होली बरसाना और नंदगांव में खेली जाती है. माना जाता है कि भगवान कृष्ण, राधा के साथ होली खेलने के लिए बरसाना आएं थे. श्रीकृष्ण अपने साथ अपनी पूरे दोस्तों को भी लेकर आएं थे. तभी से यहाँ प्रचलन बन गया कि नंदगांव के पुरुष कृष्ण बनके बरसाना होली खेलने आते हैं और यहाँ की महिलाएं राधा के रूप में उनका इंतजार करती हैं. फिर प्रथा के मुताबिक वो महिलाएं पुरुषों पर लट्ठ बरसाती हैं. इसलिए इसे लट्ठमार होली कहा जाता हैं.
पंजाब- पंजाब में होला मोहल्ला नाम का त्योहार काफी प्रचलित है. दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए आते हैं. बता दें, होला मोहल्ला का आयोजन पंजाब के आनंदपुर साहिब में प्रति वर्ष किया जाता है. ये त्योहार पारंपरिक होली से पृथक इसलिए है, क्योंकि यहां रंगों से नहीं बल्कि, तलवार बाजी, घुड़ सवारी और मार्शल आर्ट के जरिए होली का त्योहार मनता है. इतना ही नहीं, इस कार्यक्रम के बाद विभिन्न स्थानों पर विशाल लंगर लगाए जाते हैं और सभी को स्वादिष्ट हलवा, पूरी, गुजिया और मालपुआ खिलाया जाता है.
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