त्रिफला सम्पूर्ण रूप से संतुलित शक्तिदायक औषधि है. लंबे समय तक इसके उपयोग से शरीर के प्रत्येक अंग को फायदा पहुंचता है.. इसके लेने से कोलेस्ट्रॉल का कम होना , ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल , डायज़ेशन सुधरना और बिना किसी नुकसान के आँतों की सफाई का होना स्वीकार किया गया है. अब पूरे विश्व में इसका उपयोग होने लगा है.
1-आंवला त्रिफला का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह विटामिन C का भंडार है. पाचन तंत्र और प्रतिरोधक क्षमता को शक्तिशाली बनाता है. पेट और आँतों की सूजन मिटाता है. शरीर की हर प्रकार की जलन मिटाता है. पित्त विकार दूर करता है. आयरन का अवशोषण बढाकर हीमोग्लोबिन सही रखता है. प्रजनन अंगों की कार्यविधि सही करता है. दिल व दिमाग के लिए फायदे मंद है. आँखों के लिए , त्वचा के लिए व बालों के लिए भी औषधि का काम करता है और इनको स्वस्थ बनाये रखता है
2-बहेड़ा विशेषकर कफ को मिटाता है. शरीर में कही भी कफ जमा नहीं होने देता. फेफड़े की कार्यविधि सुधारता है. अस्थमा में बहुत लाभदायक होता है. एलर्जी और हिचकी मिटाता है. यह बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है उन्हें काले बनाये रखता है. शरीर से हानिकारक विषैले तत्व निकाल देता है. वायरस तथा बेक्टिरिया के प्रति लड़ने की शरीर की ताकत को बढाता है. यह आँतों की दिवार पर जमा पुराना श्लेष्मा निकाल देता है.
3-हरड़ इसकी प्रकृति गर्म होती है. यह शरीर के सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल देता है. यह वात , पित्त और कफ तीनो प्रकार के विकार दूर करता है. विशेषकर वात दोष दूर करता है. आँखों की सुरक्षा के लिए लाभदायक है. मोतियाबिंद तथा ग्लूकोमा रोकता है. घाव को जल्द भरने में सहायक होता है. याददाश्त बढाता है. उम्र के प्रभाव को रोकता है. यह आँतों की क्रियाशीलता को बढ़ा देता है. जिससे आंतें साफ रहती है. पुरानी कब्ज भी इससे ठीक हो सकती है. शरीर में भारीपन इससे ख़त्म होता है. मानसिक तनाव और घबराहट को दूर करता है.