तीन तलाक बिल है स्वागत योग्य - शंकराचार्य
तीन तलाक बिल है स्वागत योग्य - शंकराचार्य
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इलाहाबाद: प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है  इसमें शामिल होने के लिए स्वयं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती आए है  उन्होंने मुस्लिम समुदाय के चार बीवियाँ  रखने पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कड़े शब्दों में इसका विरोध करते हुए कहा कि यह महिला अधिकारों का हनन है, सरकार चार बीवी रखने पर भी रोक लगाए.

शंकराचार्य स्वरूपानंद ने तीन तलाक के मुद्दे पर केंद्र सरकार की पहल का स्वागत किया है वहीं  सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह महिला अधिकारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. गौरतलब है कि मनकामेश्वर मंदिर पहुंचे शंकराचार्य ने मीडियाकर्मियों से बात की और देश में एक समान धर्म लागू करने की वकालत की, उन्होंने साफ तौर पर कहां की चार बीबी रखना पूरी तरह से महिला अधिकारों का हनन है इस पर रोक में किसी तरह की भी गुंजाइश नहीं की जानी चाहिए.

शंकराचार्य ने पिछले दिनों हिंदुओं की जनसंख्या को लेकर हो रही बयान बाजी और अधिक बच्चा पैदा करने की बातों पर नाराजगी भी जाहिर की, उन्होंने कहा कि महिलाएं बच्चा पैदा करने वाली मशीन नहीं है और ना ही उन्हें ऐसी मशीन बनाया जा सकता है। यह निंदनीय है और इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए. महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त हैं औरउनका देश में पूरी तरह से सम्मान होना चाहिए.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने गंगा नदी में प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार को सवालों में खड़ा किया. तीखे शब्दों से वार करते हुए कहा कि चुनाव के पहले बड़ी-बड़ी बातें की गई थी, तकदीर तस्वीर बदलने के दावे किए गए थे, लेकिन आज भी मां गंगा प्रदूषण का शिकार है। बोलने वालों को कम से कम अपनी जुबान और अपने कार्य को ध्यान में जरूर रखना चाहिए. गंगा देश की पहचान है और अगर वह प्रदूषण का शिकार है तो देश की हालत कैसे अच्छी हो सकती है.

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