पटना : भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त दिखाई दिए। एक कार्यकर्ता के सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि- बिहार में जो करेंगे (चाहेंगे) वो होगा। वे सोमवार को आगरा में पार्टी के भीष्म पितामह रहे स्व. राजकुमार सामा की आत्मकथा का विमोचन करने आए थे। हालांकि हैरान करने वाली बात यह है की उन्होंने अपने 34 मिनट के भाषण में एक बार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिक्र नही किया।
पार्टी के फायरब्रांड नेता रहे आडवाणी करीब 2 साल बाद आगरा आए थे। अग्रसेन सेवा सदन लोहामंडी में हुए पुस्तक विमोचन समारोह में वे राजनीति पर बहुत कम बोले। भाषण के दौरान एक कार्यकर्ता ने पार्टी की उपलब्धियां पूछ डालीं। इसके जवाब में आडवाणी ने कहा कि 2 साल पहले पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। लेकिन पार्टी ने यह कर दिखाया। केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने नसीहत दी कि इस सफलता से संतुष्ट नहीं होना है। कुछ कमियां हैं। इन्हें दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने खुद के निर्माण में पं. दीनदयाल उपाध्याय, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी का हाथ बताया। कहा कि ऐसे ही महापुरुषों के सानिध्य में रहकर वे यहां तक पहुंचे हैं। आडवाणी ने RSS को मैन मेकिंग मशीन बताते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए इसे आगे बढ़ाएं।
सोमवार को भाजपा के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी का अंदाज कुछ अलग ही दिखा कभी वे बुजुर्ग की तो कभी शिक्षक की भूमिका में नज़र आए। कभी बुजुर्ग की तरह फटकार लगाई तो। कभी शिक्षक की तरह समझाया। ताजनगरी में भाजपा के भीष्म पितामह रहे स्व. राजकुमार सामा की आत्मकथा के विमोचन में उनका यह अंदाज़ दिखाई दिया। बड़े-बड़ों को भी उनके मुह की खाना पड़ी।