प्रार्थना का यह तरीका आपकी प्रार्थना को ईश्वर तक पहुंचाता है
प्रार्थना का यह तरीका आपकी प्रार्थना को ईश्वर तक पहुंचाता है
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हर व्यक्ति अपने अपने तरीके से भगवान की प्रार्थना करता है लेकिन कई व्यक्तियों की प्रार्थना भगवान सुन लेते है तथा कई व्यक्तियों की प्रार्थना उनतक नहीं पहुँच पाती इसका क्या कारण है? आज हम आपको इसी से सम्बंधित कुछ विशेष बातें बताएँगे जिसके कारण व्यक्ति की प्रार्थना भगवान तक नहीं पहुँच पाती है.

प्रार्थना से अभिप्राय – किसी भी प्रार्थना का मतलब केवल मंत्रो का उच्चारण करना ही नहीं होता बल्कि अपने मन को एकाग्र कर ईश्वर के प्रति सच्चे भाव से कृतज्ञता को व्यक्त करना प्रार्थना होती है. प्रार्थना करने के पूर्व व्यक्ति का मन पूर्ण रूप से निर्मल व शांत होना चाहिए उसके मन में किसी अन्य भाव का होना उसकी प्रार्थना में बाधा उत्पन्न करता है इसी कारण से वैदिक पद्धति में प्रार्थना के पूर्व भगवान का सच्चे मन से ध्यान कर मन को एकाग्र किया जाता है इसके पश्चात उनसे प्रार्थना की जाती है जो अधिक प्रभावी होती है.

कब पूर्ण होती है प्रार्थना – जब कोई व्यक्ति हर जगह से हार जाता है और वह ईश्वर की शरण में जाकर उनसे अपने दुखों को दूर करने की प्रार्थना करता है तो उसकी प्रार्थन सीधे ईश्वर तक पहुँचती है क्योंकि उस समय उसका मन पूर्ण रूप से ईश्वर में लीन हो जाता है उस व्यक्ति के मन में अपने दुःख के आलावा और कोई भाव नहीं होते है जिसके निवारण के लिए वह भगवान से प्रार्थना करता है.

जब कोई व्यक्ति बहुत ही कमजोर हो जाता है तथा उसकी सहायता करने वाला कोई नहीं होता तब वह ईश्वर को ही याद करता है उस समय उसे ईश्वर के आलावा अन्य कुछ भी दिखाई नहीं देता तब उसके द्वारा की गई प्रार्थना सीधे ईश्वर तक पहुँचती है.

 

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