उत्तर प्रदेश: कोरोना मरीजों के लिए कारगर साबित हो रही ये मशीन
उत्तर प्रदेश: कोरोना मरीजों के लिए कारगर साबित हो रही ये मशीन
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गोरखपुर: कोरोना महामारी ने देश के हर क्षेत्र को संकट की स्थिति में दाल दिया है. वही इस बीच कोरोना वायरस से निपटने के लिए जहां पुरे विश्व में दवा और वैक्सीन पर शोध चल रहा है. वहीं COVID-19 का प्रभाव कम करने के लिए प्राणवायु बहुत ही असरदार दवा बन गई है. दरअसल, COVID-19 संक्रमित के खून में प्राणवायु की मात्रा तेजी से घट जाती है. इसके चलते कोरोना संक्रमित अचेत हो जाते हैं और कई बार उनकी मृत्यु भी हो जाती है. 

साथ ही ऐसे में संक्रमितों को हाई फ्रिक्वेंसी प्राणवायु (एचएफओ) मशीन राहत दे रही है. एचएफओ संक्रमित को प्रत्येक मिनट 60 लीटर शुद्ध प्राणवायु उपलब्ध करा रही है. इस गति से वेंटिलेटर प्राणवायु मुहैया कराते हैं. डॉक्टरों ने इसे मिनी वेंटिलेटर का दर्जा दिया है. आपको बता दें कि बीआरडी मेडिकल कालेज में चार एचएफओ लगे हैं. बीआरडी के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ.अश्वनी मिश्रा ने अपने बयान में बताया कि COVID-19 का संक्रमण फेफड़ों पर रफ़्तार से असर करता है. फेफड़े की आंतिरिक परत पर सूजन हो जाती है. इससे धमनियां पूरी प्रकार कार्य नहीं करता. 

वही ऐसे में खून में प्राणवायु की मात्रा कम होने लगती है. इसे हम एसपीओ-टू के माध्यम से मापते हैं. यह 96 फीसदी से कम होने पर मरीज धीरे-धीरे खतरे की जद में जाने लगता है. 90 फीसदी से कम होने पर सांस लेने में समस्या आरम्भ हो जाती है. कमजोरी महसूस होती है. 80 होने पर उसके सोचने समझने की समर्थता समाप्त हो जाती है. वह अचेत होने लगता है. कोमा में जा सकता है और उसकी मृत्यु भी हो सकती है. 

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