ये है भारत के सबसे मशहूर कृष्ण मंदिर

ये है भारत के सबसे मशहूर कृष्ण मंदिर
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भारत में श्रीकृष्ण के कई प्रमुख मंदिर हैं, जो श्रद्धालुओं को अपनी दिव्य उपस्थिति से आकर्षित करते हैं। जन्माष्टमी के मौके पर इन मंदिरों का दौरा करना एक विशेष अनुभव हो सकता है। यहां भारत के कुछ प्रमुख श्रीकृष्ण मंदिरों की सूची दी गई है:

जगन्नाथ मंदिर, पुरी
जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित है और यह भगवान कृष्ण के एक प्रमुख मंदिर के रूप में जाना जाता है। यहां भगवान कृष्ण के साथ उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा की मूर्तियां भी स्थापित हैं। हर 12 साल में इन लकड़ी की मूर्तियों को एक शाही रीतिरिवाज से बदला जाता है। यह मंदिर भारत की पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है।

श्रीनाथ जी, नाथद्वारा
श्रीनाथ जी मंदिर राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित है। यहां भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है। यह मंदिर अपने भव्य डिजाइन और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन
बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में स्थित है और यह यहां के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां भगवान कृष्ण की मूर्ति त्रिभंग मुद्रा में स्थापित है। इस मंदिर में हर दिन भक्तों की बड़ी भीड़ होती है।

उडुपी श्री कृष्ण मठ, उडुपी
कर्नाटक के उडुपी में स्थित श्री कृष्ण मठ एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर के आसपास कई अन्य धार्मिक स्थल भी हैं, जो दर्शनार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।

गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर, गुरुवायुर
केरल के गुरुवायुर में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर दक्षिण भारत के द्वारका के रूप में प्रसिद्ध है और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है।

द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका
गुजरात के द्वारका में स्थित द्वारकाधीश मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर की विशेषता इसके 72 स्तंभों और पांच मंजिलों से बनी संरचना है। इसे जगत मंदिर भी कहा जाता है।

इस्कॉन टेम्पल
अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) के मंदिर विश्वभर में फैले हुए हैं। ये मंदिर भगवान कृष्ण के भव्य रूपों से निर्मित हैं और विभिन्न जातियों और धर्मों के भक्तों को आकर्षित करते हैं।

प्रेम मंदिर, वृंदावन
प्रेम मंदिर वृंदावन के एक दिव्य क्षेत्र में स्थित है और इसे आध्यात्मिक गुरु कृपालु महाराज ने स्थापित किया था। इस मंदिर में भगवान कृष्ण के जीवन की झांकियां और उनकी दिव्यता को दर्शाया गया है।

इन मंदिरों की यात्रा करने से न केवल धार्मिक अनुभव होता है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का भी आनंद लिया जा सकता है।

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