पहली बार नहीं हुआ कुंभ के आयोजन में हादसा, 1954 की सबसे दुखद है घटना

पहली बार नहीं हुआ कुंभ के आयोजन में हादसा, 1954 की सबसे दुखद है घटना
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प्रयागराज: प्रयागराज महाकुंभ में जिस अनहोनी का डर था आखिरकार वही हो गया. मौनी अमवस्या के एक दिन पहले संगम नोज पर भीड़ के चलते भगदड़ मच गई. इस कारण से वहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार अभी मची इस भगदड़ में लगभग 14 लोगों की मौत होने का ही अनुमान लगाया जा रहा है. पीएम मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह भी इस पूरे केस पर अपनी निगाह गड़ाए हुए बैठे है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 घंटे में 3 बार सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ वार्ता भी की और बड़े लेवल पर राहत और बचाव कार्य का आदेश भी दे दिया.  कुंभ मेले के इतिहास में भारी भीड़ के कारण  से अफरातफरी और भगदड़ का आज ही बल्कि बहुत ही ज्यादा पुराना इतिहास . 

साल 1954 में हुई थी पहली घटना: आजादी के पश्चात  पहली बार 1954 में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन किया गया था. नए-नए हिन्दुस्तान की प्रशासनिक मशीनरी ऐसे आयोजनों के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं थे. 3 फरवरी 1954 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के पावन मौके पर पवित्र स्नान करने के लिए उमड़े श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई. इस बीच  लगभग 800 लोग नदी में डूबकर या तो कुचलने की वजह से मौत हो गई. 

वर्ष 1986 की घटना: ये कुंभ मेला हरिद्वार में लग गया था. इस बीच भी भगदड़ मचने से इसमें भी दर्जनों लोग दबकर मौत का शिकार हो गए. खबरों की माने तो 14 अप्रैल 1986 को इस मेले में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सीएम वीर बहादुर सिंह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसदों के साथ हरिद्वार पहुंच गए थे. इस वजह से आम लोगों की भीड़ को तट पर पहुंचने से पूरी तरह से रोक दिया गया था. इससे भीड़ का सब्र टूट गया और लोगों में भगदड़ मच गई. उस समय इस हादसे में लगभग 200 लोगों की जान चली गई थी. 

उज्जैन में हुई थी लगभग 50 लोगों की मौत:  इतना ही नहीं वर्ष 1992 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के दौरान भगदड़ मचने से 50 से अधिक लोगों ने अपनी जान से हाथ धो दिया था। खबरों का कहना है कि वर्ष 2010 में कुंभ का आयोजन हरिद्वार में किया गया था। तब 14 अप्रैल को शाही स्नान के समय साधुओं और श्रद्धालुओं के मध्य झड़प शुरू हो गई। इसके बाद लोग घबराकर भागने लगे और भगदड़ में 7 लोगों की मौके पर ही जान चली गई थी और 15 लोग घायल हुए थे।

वर्ष 2003 में भी हुआ था ऐसा ही हादसा: 1986 के हादसे के पश्चात लंबे वक़्त तक कुंभ मेला सफलतापूर्वक चल रहा था. इस बीच क्राउड मैनेजमेंट में भी सुधार देखने के लिए मिलता रहा. लेकिन 2003 में नासिक कुंभ में एक बार फिर घटना की लिस्ट में आ गया. नासिक में आयोजित कुंभ मेले के समय एक भयानक भगदड़ मची, और इस हादसे में लगभग 39 तीर्थयात्रियों की मौके पर ही जान चली गई. यह घटना बहुत ही ज्यादा दुखद थी इतना ही नहीं इस घटना ने  लाखों लोगों को झकझोर कर रख दिया था. इस कुंभ हादसे में 100 लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे. 

वर्ष 2010 की घटना: खबरों का कहना है कि इस बार का कुंभ मेला हरिद्वार में किया जा रहा था. जहां 14 अप्रैल वर्ष 2010 को हरिद्वार कुंभ में शाही स्नान के समय  साधुओं और श्रद्धालुओं के मध्य झड़प के पश्चात  मची भगदड़ में 7 लोगों  कि जान चली गई थी और 15 लोग बुरी तरह से इस हादसे में जख्मी हो गए थे. इस घटना के बारे में चश्मदीदों ने जानकारी दी थी था कि साधुओं और श्रद्धालुओं में कहासुनी हुई जिसके बाद लोगों में हंगामा मच गया और लोगों ने इधर उधर भागना शुरू कर दिया. 

वर्ष 2013: नासिक कुंभ के 10 वर्ष के पश्चात वर्ष 2013 के प्रयागराज कुंभ में एक बार फिर बड़ी घटना हुई. लेकिन इस बार ये दुर्घटना इलाहाबाद रेलवे स्टेशन में ही हुआ था. इस दुर्घटना में 42 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. रिपोर्ट की माने तो, इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर एक फुटब्रिज पर रेलिंग गिरने के पश्चात भगदड़ का माहौल हो गया. हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने बोला है कि स्टेशन पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे पुलिस द्वारा लाठीचार्ज जैसा एक्शन भी लिया गया. इस कारण से लोगों के बीच  भगदड़ मची. इस हादसे में 42 लोगों की जान चली गई. इनमें 29 महिलाएं, 12 पुरुष और एक 8 साल की बच्ची का नाम भी शामिल है. इसी घटना में 45 लोग घायल हुए थे . इतना ही नहीं कुछ रिपोर्ट्स में तो ये भी कहा गया है कि वर्ष 2013 के पश्चात भगदड़ की घटना वर्ष 2025 में हुई है. जहां अबतक प्रशासन ने 14 लोगों की मौत का अनुमान लगाया जा रहा है. इस हादसे के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की है कि आप जहां हैं वहीं स्नान करें. उन्होंने लिखते हुए कहा है कि, "मां गंगा के जिस घाट के आप समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें.आप सभी प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें." सीएम योगी ने कहा कि संगम के सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान हो रहा है. किसी भी अफवाह पर बिल्कुल भी ध्यान न दें.

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