गोरखपुर: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के हिंदुस्तानी एकेडमी की तरफ से गुरु गोरक्षनाथ शिखर सम्मान देने के ऐलान से डॉ. प्रदीप कुमार राव बेहद प्रसन्न हैं. पांच लाख रुपये वाला यह अवार्ड उनके 22 सालों के साहित्य सृजन का परिणाम है. महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय जंगल धूसड़ के प्रिंसिपल डॉ. राव बताते हैं कि उन्होंने गुरु गोरखनाथ तथा नाथ संप्रदाय पर लंबे वक़्त तक कार्य किया है.
वही उनकी 12 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. नौ किताबें का उन्होंने संपादन किया है. वह मानते हैं कि उन्हें अवार्ड प्राप्त होने से पूर्वांचल के हिंदी साहित्य के मान में वृद्धि हुई है. बता दें कि यह कॉलेज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का स्वपन परियोजना है. साथ ही देवरिया शहर के ग्राम नगवा खास के मूल रहवासी डॉ. प्रदीव राव इतिहास तथा संस्कृति के मर्मज्ञ माने जाते हैं. अपने बयान में डॉ. राव ने कहा, कि इस अवार्ड से नाथपंथ तथा गुरु गोरखनाथ पर शोध को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ेगी.
आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि हिस्ट्री, संस्कृत, हिंदी तथा दर्शनशास्त्र में गुरु गोरखनाथ एवं नाथपंथ पाठ्यक्रमों का भाग होना चाहिए. वही अभी तक जिन लोगों ने शोध किया है, वे स्वत: सुखाय वाले हैं. मैंने वर्ष 2005 से इस सब्जेक्ट पर कार्य करना आरम्भ किया. प्राचीन भारतीय मुद्राएं, प्राचीन भारतीय लिपि, क्षत्रिय राजवंश, प्राचीन भारतीय धर्म दर्शन, प्राचीन भारत के चीफ रूलर आदि शोधपरक किताबे शोधार्थियों के लिए बहुत सहायक हैं. वही डॉ. प्रदीप राव गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्वर्ण मेडलिस्ट रहे हैं. वर्ष 1992 में स्नातकोत्तर में 66.1 प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे. उन्होंने प्राचीन देश में प्रदेश कर्मचारी सब्जेक्ट पर शोध किया है. वही अब डॉ राव इस उपलब्धि को लेकर बेहद प्रसन्न है.
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