बैंक नाम सुनते ही जहन में पैसे, ब्याज, लोन जैसे शब्द गूंजने लगते है, मगर इन दिनों जो सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है वो है टैक्स. टैक्स का नाम सुनते ही हर आम और खास की भौहें सिकुड़ने लगती है. मगर बाबा बोले नाथ के शहर वाराणसी या यु कहे की काशी में एक अद्भुद बैंक है जो टैक्स में माया मोह से परे है. जी हा. यूं तो इस शहर में कई बैंक हैं लेकिन, काशी विश्वनाथ की नगरी में एक बैंक ऐसा भी है जिसमें जमा होने वाली पूंजी पर कोई टैक्स नहीं लगता है. शिवमय इस बैंक का नाम ओम् नम: शिवाय बैंक है.
जानिए बैंक के खासियत .
बैंक इस समय 134 करोड़ पंचाक्षर मंत्र जमा हैं.
मन को शांति देने वाले इस अनूठे बैंक में देश ही नहीं विदेश के श्रद्धालुओं का भी खाता है.
काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में बांसफाटक क्षेत्र के कोतवालपुरा स्थित बिहारीपुरी मठ में ओम् नम: शिवाय बैंक है
वर्ष 2002 में गंगा दशहरा के दिन 11 वैदिक ब्राह्मणों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में मंत्रोचार के बीच ओम् नम: शिवाय बैंक की स्थापना की.
बैंक के चेयरमैन पवन कुमार चौरसिया है.
दस शिवभक्त बने पहले ग्राहक, काशी से कनाडा तक के ग्राहक है.
स्थापना की कहानी सुनते हुए बैंक के वाइस चेयरमैन राजेंद्र त्रिवेदी बताते हैं कि वर्ष 2002 में बाबा दरबार में मत्था टेकने के दौरान देखा कि कुछ श्रद्धालु एक पन्ने पर ओम् नम: शिवाय लिख रहे हैं लेकिन, उनके लिखे पंचाक्षर मंत्र को उचित सम्मान नहीं मिल रहा था,तभी विचार आया कि क्यों न बाबा के नाम के बैंक की स्थापना की जाए, समाजसेवी पवन कुमार चौरसिया के साथ मिलकर इस बैंक को स्थापित किया गया.
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