बेकार नमूना और घटिया सामग्री की वजह से जमीदोज हो गया ये अपार्टमेंट
बेकार नमूना और घटिया सामग्री की वजह से जमीदोज हो गया ये अपार्टमेंट
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नई दिल्ली: राजधानी का अलाया अपार्टमेंट जब बनाया जा रहा था, तभी तय हो गया था कि इसकी उम्र बमुश्किल 10-12 वर्ष ही होगी। 5 मंजिला इमारत के निर्माण के लिए न तो आर्किटेक्ट से ड्राइंग ली गई थी और न ही सिविल इंजीनियर से स्ट्रक्चरल डिजाइन तैयार करवाई जा चुकी है। नौसिखियों ने मानक के विपरीत और घटिया सामग्री इस्तेमाल करके फ्लैट खरीदने वालों के जीवन के साथ खेल रहे है।

24 जनवरी 2023 को बेहद हल्के भूकंप के झटके आने के उपरांत वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट भरभराकर गिर पड़ी। इसकी जांच के लिए बनाई गई लखनऊ की मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट में अहम खुलासे भी किए जा चुके है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जांच कमेटी को अंत तक अलाया अपार्टमेंट के निर्माण की वास्तुविद संबंधी ड्राइंग और स्ट्रक्चरल डिजाइन नहीं मुहैया भी की जा सके। स्ट्रक्चरल डिजाइन में ही कहा जाता है कि किसी भी भवन की लोड क्षमता के हिसाब से पिलर्स की गहराई, सरिया का साइज और सीमेंट की मात्रा क्या होने वाली है। साथ ही निर्माण में अन्य क्या सावधानियां बरतनी हैं।

इस तरह से कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बिना नक्शे की उपलब्धता की ही दी है। क्या भूकंप के झटके की वजह से बिल्डंग गिरी? कमेटी का मत है कि किसी एक कारण से यह बिल्डिंग नहीं गिरी। साल 2013 में यह बिल्डिंग बनी थी और 2023 में बिल्डिंग गिरने तक कई बार उतनी तीव्रता के भूकंप आए। निर्माण में उपयोग की गई सामग्री (क्षमता) की अपेक्षा लोड अधिक होने की वजह आहिस्ता-आहिस्ता यह बिल्डिंग कमजोर होती गई। वक़्त के साथ इमारत में दरारें भी देखी गईं, जिन्हें नजरअंदाज करना महंगा पद रहा है।

बेसमेंट में इतनी अधिक खोदाई नहीं की गई थी, जो बिल्डंग गिरने की वजह से बनती। बिल्डिंग गिरने की मुख्य वजह लोड बियरिंग कैपसिटी (वजन धारण क्षमता) का आकलन करते हुए उसी के मुताबिक भवन की स्ट्रेंथ (मजबूती) न रखना है। यहां तक कि पिलर्स की न तो गहराई मानक के अनुरूप मिली और न ही उनका बेस मानक के अनुरूप तैयार भी किया जा चुका है। भवन की लोड धारण क्षमता में यह आकलन भी किया जाता है कि उसकी उम्र कितनी होने वाली है। सामान्यतः इस तरह के स्ट्रक्चर में 70-80 वर्ष तक का वक़्त लेकर चला जाता है। लेकिन, इसमें प्रयुक्त सामग्री अधिकतम 10-12 साल के हिसाब से ही इस्तेमाल की गई प्रतीत हुई।

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