श्रीमद भगवद्गीता एक बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है. महाभारत का वह हिस्सा, जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को महाभारत युद्ध में सलाह दी थी. उनके कहे गए वे कथन आज भी जीवन में उठने ही महत्वपूर्ण और सही दिशा दिखाने वाले है, जितने महाभारत के समय अर्जुन के लिए थे. यदि आप कभी भी अपनी जिंदगी के किसी भी समस्या में उलझे हुए है तब आपकी परेशानी का हल भगवद्गीता में मिल सकता है.
जो हुआ अच्छे के लिए ही हुआ, जो होगा वह अच्छे के लिए होगा. परिवर्तन संसार का नियम है. एक पल में ही आप राजा बन सकते है और एक पल में ही फकीर. गर्मी के बाद बारिश आएगी ही. भगवद्गीता यह भी कहती है कि व्यक्ति कभी खुद से मिलने की सोचता ही नहीं, इसलिए ध्यान लगाना जरूरी है, ध्यान करने से व्यक्ति खुद को जान पाता है. इस बात को याद रखे, खाली हाथ आये थे और खाली हाथ ही जाना है. हाँ अगर चाहे तो दुनिया को कुछ जरूर देके जा सकते है.
संशय की स्थिति में कभी आपको ख़ुशी नहीं मिल सकती, संदेह हमे डरपोक और अस्थिर बना देता है. संदेह के कारण व्यक्ति कभी भी सही फैसले नहीं ले पाता. व्यक्ति चाहे तो खुद के विचारो से उठ भी सकता है और गिर भी सकता है. आप खुद के सबसे अच्छे मित्र है. आपकी हर समस्या का हल आपके पास ही है. इसके लिए आपको खुद से जुड़ना होगा और स्वयं पर विश्वास करना होगा.
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