हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार मकर संक्रांति जल्द ही आने वाली है। इसे भारत के कई हिस्सों में नव वर्ष के तरह भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति तब मनाई जाती है, जब सूर्य का धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश होते है। ये ही कारण है कि इसके नाम में भी मकर आता है। सक्रांति का मतलब वह समय होता है, जब सूर्य अपनी राशि का स्थान बदलते है। इसी दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते है। इस दिन के अवसर पर लोग गंगास्नान करते है, साथ ही इस दिन दान देने का भी महत्त्व होता है। इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी और 15 जनवरी दो दिन पड़ रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि, संक्रांति किस दिन मनाये? तो ज्योतिष दृष्टि के मुताबिक संक्रांति मनाने का सही समय 15 जनवरी 2025 रहेगा, क्यूंकि उदया तिथि इसी दिन पड़ रही है।
पूरे भारत में मकर संक्रांति को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में इससे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। वहीं तमिलनाडु में इसे पोंगल या उझवर तिरुनल के नाम से जाना जाता है। गुजरात और उत्तराखण्ड में इसे उत्तरायण के नाम जानते है। जम्मू और कश्मीर में इसे संक्रांत के साथ-साथ उत्तरैन, शिशुर सेंक्रात और माघी संग्रांद के नाम जाना जाता है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में माघी के नाम से जाना जाता है। असम में भोगाली बिहु, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार खिचड़ी के नाम से, पश्चिम बंगाल में पौष संक्रान्ति के नाम से, पंजाब में लोहरी और झारखण्ड, बंगाल, ओडिशा के कुछ प्रांतों में इसे टुसू परब के नाम से भी जाना जाता है।
महाराष्ट्र की एक कहावत है "तिल गुड़ घ्या आणि गोड़ गोड़ बोला" मतलब मीठा खाओ और मीठा बोलों। क्यूंकि मकर संक्रांति को नव वर्ष माना जाता है, इसलिए ऐसा बोलते है की इसकी शुरुआत मीठा खाने से होनी चाहिए। ये ही वजह है कि इस दिन तिल और गुड़ से बनी मिठाइयों का महत्त्व होता है। ऐसा माना जाता है कि तिल सेहत के लिए अच्छी होती है, इसके सेवन से जीवन दिन पर दिन बिना रोग के आगे बढ़ते जाता है। इसलिए मकर संक्रांति यानी नए साल की शुरुआत तिल से करनी चाहिए। तिल से कई किस्म कि मिठाईया बनती है, जो सेहत के लिए भी लाभकारी होती है। तो जानते है कि तिल और गुड़ से कौन-कौन सी मिठाइयां बनती है और कैसे बनती है।
1. तिल और गुड़ के लड्डू या चिक्की
इस समय तिल गुड़ के लड्डू और चिक्की बहुत खाई जाती है। इन दोनों ही सामग्री से शरीर में गर्मी मिलती है और खून बढ़ता है। इसलिए इसे ठंड के समय ज्यादा खाया जाता है। इसके लड्डू बनाना बहुत ही आसान है, गुड़ पिघलाकर उसमे भुनी हुई तिल मिलाकर उसके गोल-गोल लड्डू बना ले। वहीं चिक्की बनाने के लिए इस मिश्रण को एक थाल में फैलाकर उसे ठंडा होने दे। फिर ठंडा होने पर उसे चाकू कि मदद से काट ले। इसे लम्बे समय तक प्रिज़र्व करके रखा जा सकता है।
2. मूंगफली चिक्की
मूंगफली चिक्की भी बिलकुल तिल गुड़ की चिक्की के तरह ही बनती है। साथ ही इसके गुण भी तिल गुड़ की चिक्की के तरह ही होते है। इसमें बस तिल की जगह मूंगफली का इस्तेमाल करना होता है।
3. अखरोट की चिक्की
अखरोट सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे ऊर्जा मिलती है और दिमाग भी तेज़ होता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले अखरोट को छीलकर उसे छोटा-छोटा काट ले फिर उसे देसी घी में भुने। इसके बाद जब अखरोट अच्छी तरह से भूनकर सुनहरे हो जाए, तो उन्हें गुड़ की चाशनी में मिलाकर उसे अच्छे से मिलाले। एक बार जब चाशनी में अखरोट अच्छे से मिल जाए, तो उसे एक थाली में जामने के लिए फैला दे। ठंडा होने से कुछ देर पहले उसे चाकू से छोटी-छोटी चिक्की में काटले।
4. गजक
गजक चिक्की का ही एक रूप होता है लेकिन दोनों का स्वाद अलग आता है। जहां चिक्की और पापड़ी को मूंगफली और तिल पीसे बिना बनाया जाता है वहीं गजक में इन्हे पीस लिया जाता है। मूंगफली और तिल पीसने की वजह से गजक बहुत ही पतली और कुरकुरी बनती है। इसे बनाने की प्रक्रिया भी बिलकुल चिक्की के तरह ही होती है। बस इसमें मूंगफली और तिल को भुनने के बाद उन्हें पीसना पड़ता है।
5. नारियल के लड्डू
संक्रांति के समय नारियल के लड्डू भी बहुत खाये जाते है। इसे बनाने की प्रक्रिया भी बहुत आसान होती है। सबसे पहले बारीक नारियल का बूरा ले, नारियल की मात्रा के अनुसार उसमें गरम दूध और चीनी मिलाए। नारियल को भूनने की कोई जरुरत नहीं होती है। आप चाहे तो इसमें मेवे भी मिला सकते है। लड्डू की सभी सामग्री मिलाने के बाद अपने हाथो में पानी या घी लगाकर उसके गोल-गोल लड्डू बनाले फिर उन्हें थोड़ी देर सेट होने रख दे। एक बार जब वह जमकर तैयार हो जाए तो उन्हें एयर टाइट टिब्बे में रखले।
6. बेसन लड्डू
इस समय बेसन के लड्डू भी बहुत से राज्यों में बनाए जाते है। बेसन के लड्डू हालाकिं, हर घर में कभी भी बन जाते है। इन्हे बनाने के लिए सबसे पहले बेसन को अच्छी तरीके से भुन ले। इसे भूनने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है, एक बार जब यह अच्छे से भुन जाए तो इसे तीन तार वाली चाशनी में मिला ले। चाशनी मिलाने के बाद बेसन को थोड़ी देर तक मिलते रहे। आप चाहे तो इसमें इलाइची या उसका पाउडर भी मिला सकते है। जब सब मिल जाए तो उसे एक थाली में फैलकर ठंडा होने रख दे। जब लड्डू का मिश्रण हल्का ठंडा हो जाये तो उसके लड्डू बनाले।
इनके अलावा कई घरों में चावल की खीर, हलवा और पूरन पोली भी बनाकर खाया जाता है। हालाकिं, आप चाहे तो इनमे भी थोड़ी सी तिल मिला सकते है।