दशहत और मौत की दास्तां बयां करते हैं ये जूते
दशहत और मौत की दास्तां बयां करते हैं ये जूते
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यहाँ आप जो जूतों का जमावड़ा देख रहे हैं वो किसी मंदिर के सामने लोगों द्वारा उतरे गए जूते नहीं बल्कि एक दर्दनाक दास्तान है. जो कि आपका दिल झकजोर देगी. यह जूते बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में एक ईमारत के सामने रखे गए हैं दरअसल, इन सारे जूतों के असल मालिक दुनिया छोडक़र जा चुके हैं. इनमें युवा, बच्चे, बूढ़े व महिलाएं तक शामिल हैं.

बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में बनी यूरोपियन यूनियन काउंसिल बिल्डिंग के सामने यह जूते रखे गए रखा है. इन जूतों को ‘आवाज’ नामक एक सामाजिक संस्था ने जंग में मारे गए उन 4500 लोगों के परिजनों को न्याय दिलाने के रखवाए हैं. इस उद्देश्य दुनिया ध्यान इस मुद्दे पर खींचने के लिए संस्था ने यह अनोखी तरकीब निकली है. बता दें कि उन 4500 लोगों के जूते हैं जो ‘इजरायल और फलस्तीन’ की जंग में मारे गए. 

बता दें कि कई सालों से इन दोनों देशों में संघर्ष जारी है लेकिन फलस्तीन की हालत ज्यादा खस्ता हो चुकी है. इजरायल फोर्स ने फलस्तीन के 4500 नागरिकों को मौत के घाट उतारा है. जंग में मारे गए लोगों के परिजनों को इंसाफ दिलाने के लिए  ‘आवाज’ नामक एक सामाजिक संस्था काम कर रही है पर इस पर अभी भी कोई कार्यवाही है इसलिए संस्था ने इसे इंटरनेशनल लेवल पर उठाने की कोशिश की है.

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