कांकेर। धमतरी जिले के सिंघोला गांव से सात स्कूली बच्चे रोज सुबह 8 बजे स्वयं 3 किमी का सफर नाव चलाकर कांकेर जिले में पढ़ने आते है। इन बच्चों के पढ़ने की ललक यह बताती है कि जिंदगी की नैया पार लगाने पढ़ाई का चप्पू बेहद जरूरी है।
रविशंकर परियोजना यानि विशाल गंगरेल बांध के पानी से चारों तरफ गिरा। सिंघोला गांव वैसे तो राजस्व जिला धमतरी में आता है। मगर पूरी तरह कांकेर जिले पर आश्रित है। रोज सुबह 8 बजे सिंघोला से 7 बच्चे भीषम पटेल 14 वर्ष, मोहित पटेल 15 वर्ष, कुमारी उमेशवरी 13 वर्ष, नंदकुमार पटेल 15 वर्ष, टिकेश्वरी पटेल 14 वर्ष, नंदेशवरी पटेल 15 वर्ष, ओमप्रकाश पटेल 15 वर्ष व लिलेश पटेल 15 वर्ष प्रतिदिन सुबह 8 बजे खुद नाव चलाकर तीन किमी दूर कांकेर जिले के क्रमशः भिड़ावर माध्यमिक स्कूल, देवीनवागांव हाईस्कूल और हल्बा हाई स्कूल में पढ़ने आते है और शाम को सभी एकत्र होकर इसी नाव के सहारे लगभग 5ः30 बजे अपने घर पहुंचते है।
इनमें से सभी बच्चे नियमित रूप से अध्ययन करने स्कूल आना-जाना करते है। सभी बच्चे कुछ बनने की चाह रखते है और कहते है कि गरीबी दूर करना पढ़ना जरूरी है। ताकि नौकरी के सहारे होने वाली आय से अपने घर के हालात ठीक कर सके।