Jun 22 2016 05:49 AM
लकवा (मांसपेशी की कमजोरी) प्रायः तब होता है जब बच्चा छोटा होता है. आमतौर पर बीमारी के समय जैसे गंभीर सर्दी-जुकाम तथा बुखार या कई बार दस्त लगे हों. लकवा शरीर की किसी मांसपेशी को प्रभावित कर सकता है परन्तु यह ज्यादातर प्रभावित मांसपेशी सुखी जैसी लगती है.
लकवा ग्रस्त होने के समय वह अंग किसी भी तरह सीधा नहीं रह सकता, चूँकि वह सिकुड़ गया है या कुछ निश्चित ‘संकुचन’ पूर्ण मांसपेशी के कारण है. प्रभावित अंग की मांसपेशी एवं हड्डियाँ दूसरे अंगों की अपेक्षा पतली हो जाती हैं. दूसरों के मुकाबले ठीक विकास नहीं कर पाते, इसी कारण छोटे रह जाते हैं.
दिमाग और बुद्धि प्रभावित नहीं होती है. महसूस की शक्ति भी नहीं प्रभावित होती है. घुटने के झटके और अन्य नसों के प्रकटाव प्रभावित अंग में घट अथवा समाप्त हो जाते हैं. लकवा उतना ख़राब नहीं होता परन्तु उसके साथ दूसरी समस्याएँ जैसे: संकुचन, रीढ़ की हड्डी का झुकना तथा अंग की स्थिति बिगड़ना भी हो जाता है.
हिंदी न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml
इंग्लिश न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml
फोटो - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml
© 2024 News Track Live - ALL RIGHTS RESERVED