भोपाल : प्रदेश में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. सभी 52 जिलों में कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है. हालांकि, आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित भी की जा रही है. नागरिकों से ये अनुरोध किया जा रहा है कि वे बेवजह घर से नहीं निकलें. गुरुवार को सुबह से लोग दूध-सब्जी, राशन खरीदने के लिए बाहर निकले. दुकानदारों ने दुकानों के बाहर मार्किंग कर दी है, ताकि लोगों को लाइन में तय दूरी पर खड़ा किया जा सके जिसे उनके लिए अच्छा रहेगा. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों को सामान नहीं दिया गया. पुलिस भी मुस्तैद है.
बेवजह सड़क पर घूमने वालों को ये हिदायत दी जा रही है. पुलिस और प्रशासन ने राज्य में दवा विक्रेता और आवश्यक वस्तुओं, राशन बेचने वालों से अनुरोध किया है कि इनका संग्रहण कालाबाजारी के लिए न करें और लोगों को जरूरत का सामान मुहैया करवाते रहे. लगभग सभी जिलों में खाद्य सामग्री और दवाओं की कालाबाजारी करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.
जानकारी के लिए बता दें की मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से संक्रमित अब तक 20 केस सामने आ गए हैं. इंदौर में 24 घंटे में 10 केस सामने आए. इनमें से उज्जैन की महिला की इलाज के दौरान एमवाय अस्पताल में मौत हो गई. बुधवार शाम को ही एक कोरोना संदिग्ध 47 वर्षीय व्यक्ति ने भी दम तोड़ दिया. उन्हें शाम को ही इलाज के लिए उज्जैन से इंदौर लाया गया था. तब तक उनका सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया था. इससे पहले ग्वालियर और शिवपुरी में एक-एक, भोपाल में 2, जबलपुर में 6 केस मिले.
इलाज के दौरान दो संदिग्ध मरीजों की हुई मौत