टोक्यो: जापान में बीते 20 वर्षों में अचानक से मुस्लिमों की आबादी में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही वहां मस्जिदों की गिनती भी बढ़ गई है, जो पहले गिनी-चुनी हुआ करती थी। रिपोर्ट्स बताती हैं कि, इस डेमोग्राफिक चेंज की वजह जापान में आकर बसने वाले प्रवासी मुसलमान हैं। इसके साथ ही मुस्लिम और जापानियों में वैवाहिक रिश्ते बढ़ने की वजह से भी यह बदलाव देखने को मिल रहा है।
"Religious tensions in Japan as Muslim population grows"
— Madhu Purnima Kishwar (@madhukishwar) June 2, 2023
It is not "religious tension" but always a one-way attack.
Even one is one too many!https://t.co/Ori4Sq13mI
चौंकाने वाली बात है कि वर्ष 2000 में जापान में मुस्लिमों की आबादी लगभग 10 से 20 हजार तक हुआ करती थी, मगर अब इनकी जनसंख्या 2 लाख से अधिक है। यानी एक ही पीढ़ी में ये आबादी लगभग 10 गुना बढ़ चुकी हैं। वर्ष 2010 तक जापान में मुस्लिम आबादी 110,000 थी, जो अब 230,000 हो गई है। इसी प्रकार पहले जापान में आसानी से मस्जिद देखने को नहीं मिलती थी। 1999 में महज 15 मस्जिद थी, जो आज बढ़कर 113 हो गई हैं। ये भी पता चला है कि, जो जगह कभी एक फैक्ट्री हुआ करती थी, वहाँ भी मस्जिद शुरू कर दी गई, जिसे इंडोनेशिया से पैसा आता है।
Japan: Muslim migrant vandalizes shrine, tells worshipers that ‘the only god is Allah’https://t.co/ZrFEsVeXaQ pic.twitter.com/DU1PL8WlY1
— इंदौरी???????? (@indoriladka) May 25, 2023
बता दें कि, जापान में इस डेमोग्राफी चेंज का साइड इफ़ेक्ट भी दिखने लगा है। बीते दिनों ही जापान से एक मामला सामने आया था, जब देश के कोबे शहर में जापानियों के (शिंटो धर्म के) पवित्र स्थल पर घुस एक मुस्लिम प्रावासी ने हमला कर दिया था और प्रार्थना के बीच में जाकर जापानी महिला से कहा था कि, 'यहाँ केवल एक ही ईश्वर है। अल्लाह। और कोई ईश्वर नहीं।' जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, तो यह देखकर स्वाभाविक रूप से जापानी नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि जापान में सभी लोगों को अपना धर्म मानने की पूरी स्वतंत्रता है। मगर, इसके बावजूद यदि ये लोग (कट्टरपंथी) इस तरह करते हैं तो हम साथ नहीं रह सकते। जापानियों का कहना है कि, ऐसे मुस्लिमों का होना मुस्लिमों के लिए भी घातक है।