FMCG सेक्टर में इस वर्ष भी नहीं हुआ कोई सुधार, 9 से 10 फीसद रहेगी ग्रोथ रेट
FMCG सेक्टर में इस वर्ष भी नहीं हुआ कोई सुधार, 9 से 10 फीसद रहेगी ग्रोथ रेट
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टूथपेस्ट, साबुन, तेल, घी जैसे उत्पाद बनाने वाले एफएमसीजी सेक्टर की स्थिति में इस साल भी कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2020 में इस क्षेत्र की वृद्धि दर नौ से 10 फीसद तक रह सकती है । नीलसन के अनुसार 2019 में भी इस क्षेत्र की वृद्धि दर 9.7 फीसद रही थी। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 11 फीसद हो सकती है। एफएमसीजी सेक्टर पर कुछ एजेंसियों की तरफ से कराए गए सर्वे में यह बात उभरकर आई है कि देश में इन उत्पादों की मांग में बीते साल के अनुसार बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं आएगा। नीलसन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में एफएमसीजी की ग्रोथ में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर हुई बिक्री भी शामिल है।

नीलसन ग्लोबल कनेक्ट साउथ एशिया जोन के प्रेसिडेंट प्रसून बसु ने कहा, ‘2019 एफएमसीजी इंडस्ट्री के लिए मुश्किल भरा वर्ष रहा। 2018 में 13.5 फीसद की ग्रोथ दर्ज करने वाले सेक्टर की वृद्धि दर 2019 में 10 फीसद के नीचे रह गई थी। इस साल भी स्थिति में बहुत ज्यादा बदलाव आता नहीं दिख रहा है।’2019 की चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में एफएमसीजी इंडस्ट्री की ग्रोथ 6.6 फीसद पर ही रुक गई थी। अगर इसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर हुई बिक्री को मौजूद कर लिया जाए तो वृद्धि दर 7.3 फीसद पर पहुंचती है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चार लाख करोड़ रुपये के आकार वाले एफएमसीजी सेक्टर की ग्रोथ का अनुमान वित्त वर्ष के आधार पर लगाया है। एजेंसी का मानना है कि वित्त वर्ष 2019-20 में इस क्षेत्र की ग्रोथ रेट नौ फीसद पर सिमट जाएगी।

 ग्रामीण क्षेत्र से मांग बढ़ने पर आगामी वित्त वर्ष यानी 2020-21 में एफएमसीजी की वृद्धि दर 11 फीसद तक पहुंच सकती है। क्रिसिल के अनुसार एफएमसीजी सेक्टर की मांग में बढ़त मार्च-अप्रैल, 2020 के बाद दिखनी शुरू होगी जब खेती से होने वाली आमदनी में वृद्धि हो सकती है । क्रिसिल के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी ने कहा, ‘सरकार की तरफ से ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च ग्रामीण क्षेत्र में आमदनी बढ़ाने में मदद कर सकता है । इसके चलते एफएमसीजी उत्पादों की मांग में वृद्धि होगी।’एजेंसी का मानना है कि शहरी क्षेत्र में परंपरागत बाजार में एफएमसीजी उत्पादों की मांग आठ फीसद से अधिक होने की उम्मीद नहीं है।इसके अलावा  इस बाजार में मॉडर्न रिटेल यानी ई-कॉमर्स का हिस्सा भी बढ़ रहा है। वही सभी कंपनियों की वृद्धि दर एक समान रहने की उम्मीद भी नहीं है। एजेंसी के विश्लेषण के अनुसार लगभग 57 कंपनियां पूरे क्षेत्र के रेवेन्यू के आधे पर काबिज हैं।

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