कश्मीर में तेजी से आतंकी हो रहे ढेर, सुरक्षाबलों की कार्यवाही का दिख रहा व्यापक असर
कश्मीर में तेजी से आतंकी हो रहे ढेर, सुरक्षाबलों की कार्यवाही का दिख रहा व्यापक असर
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भारतीय सेना के लगातार प्रयासों की वजह से आतंकियों का मजबूत किला शोपियां अब ढह रहा है. सुरक्षाबल एक-एक कर तमाम छोटे-बड़े आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर रहे हैं और आतंकियों की ख्वाबगाह माने जाने वाले शोपियां में उनके गुप्त ठिकाने ही उनकी कब्रगाह बन रहे हैं. चार दिन में ही हिजबुल के दो बड़े कमांडरों समेत 14 आतंकियों को मार गिराया गया है. वही, अगर इक्का-दुक्का घटनाओं को नजरअंदाज करें तो हाल-फिलहाल चले रहे आतंकरोधी अभियानों में न पथराव हुआ और न किसी ने आतंकियों के मारे जाने पर हड़ताल की. साफ है कि आतंकियों के लिए अब स्थानीय समर्थन निरंतर सिकुड़ रहा है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस साल कश्मीर घाटी में देसी-विदेशी 250 आतंकियों को सूचीबद्ध किया था. इनमें से करीब 70 शोपियां में ही सक्रिय थे. इनमें भी 50 स्थानीय ही थे. बीते पांच माह में तथाकथित तौर पर एक दर्जन स्थानीय युवा आतंकी बने और उनसे से ज्यादातर ढेर कर दिए गए या फिर वह घरों को लौट आए. वही, शोपियां का गढ़ ढहाना इतना सरल नहीं था. तीन साल पूर्व सुरक्षाबलों ने जब आतंक के खात्मे की मुहिम आरंभ की तो शोपियां सबसे मुश्किल लक्ष्य दिख रहा था. दक्षिण कश्मीर में पीरपंचाल की पहाडिय़ों के बाएं तरफ स्थित शोपियां हमेशा से आतंकियों के लिए मुफीद रहा है. यही उनका जम्मू क्षेत्र का प्रवेश द्वार भी है. दूर-दूर तक जंगल है. इसके अलावा यह एक ग्रामीण जिला है. आतंकियों को इस इलाके में न कभी कैडर की कमी हुई और न शरणदाताओं की. दूर-दूर तक फैले सेब के बाग, खेत, जंगल और नाले उन्हें सुरक्षित ठिकाने बनाने में मदद करते रहे, वहीं अलगाववादियों का प्रभाव व आतंकियों और सियासत का गठजोड़ उनके लिए सुरक्षित कवच का काम करता रहा. दक्षिण कश्मीर के अन्य जिलों की तरह यहां जमात का प्रभाव रहा.

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अगर आपको नही पता तो बता दे कि सियासत, मजहब और जिहाद का गठजोड़ कैसे इस जिले में काम करता है, यह वर्ष 2009 में शोपियां में दो युवतियों की रंबियार नाले में रहस्यमय परिस्थितियों में डूबने से हुई मौत के बाद पैदा हालात को देखकर समझा जा सकता है. युवतियों की मौत को सुरक्षाबलों के जिम्मे मढ़ा गया, लेकिन सीबीआइ जांच में वह लोग संदेह के घेरे मे आ गए, जिन्होंने मामले को तूल दिया था.

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