जीएसटी की अलग कर दरों को बनाया कर चोरी का जरिया
जीएसटी की अलग कर दरों को बनाया कर चोरी का जरिया
Share:

नई दिल्ली : एक ओर सरकार कर चोरी रोकने के लिए कड़े कदम उठाते हुए नए नियम बना रही है,वहीं दूसरी ओर व्यापारी भी जीएसटी के सरकारी प्रयासों से बचने के एक-से-बढ़कर एक तोड़ निकाल रहे हैं. इस मामले में सरकार डाल- डाल तो व्यापारी पात -पात नज़र आ रहे हैं .

ऐसा लगता है कि जीएसटी की नई व्यवस्था की अलग-अलग कर दरों को व्यापारियों ने कर चोरी का जरिया बना लिया है.कर अधिकारी भी मानते हैं कि कई छोटे व्यापारी 1000 रुपये से ऊपर की कीमत वाले शर्ट्स के 500-600 रुपये के दो बिल बना रहे हैं,ताकि उन्हें 12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत टैक्स देना पड़े. बता दें कि 1000 रुपये से ऊपर के गारमेंट्स पर 12 प्रतिशत ,जबकि इससे कम कीमत की पोशाकों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू है.अलग-अलग कर दर की व्यवस्था ने व्यापारियों के लिए कर चोरी को आसान बना दिया है.

इस बारे में कंसल्टंट्स और अधिकारी का कहना है कि कपड़ों और बर्तनों के कुछ व्यापारी टैक्स से बचने के लिए रेलवे का उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि ट्रकों से सामान लाने पर रास्ते में उसकी जाँच होने का डर रहता है, लेकिन रेल से माल ढुलाई पर जाँच की गुंजाइश कम रहती है और व्यापारी टैक्स देने से बच जाते हैं. यही नहीं ट्रकों से माल लाने के मामले में  कुछ व्यापारी टैक्स बचाने के लिए एक ही इनवॉइस पर तीन बार सामान दिल्ली पहुंचा देते हैं. हालाँकि ई-वे बिल लागू हो रहा है जिसमें इस तरह की टैक्स चोरी थोड़ी मुश्किल हो जाएगी.नवंबर महीने में कर संग्रह घटकर 81,000 रुपये सीमित रह जाने का मुख्य कारण कर चोरी का होना ही है .

यह भी देखें

GST काउंसिल की बैठक आज

बिस्किट पर जीएसटी दरों में कटौती की मांग

 

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -