310 करोड़ रुपए की लागत से बने महाकाल लोक में तेज आंधी तूफान से गिरी सप्तऋषियों की प्रतिमा
310 करोड़ रुपए की लागत से बने महाकाल लोक में तेज आंधी तूफान से गिरी सप्तऋषियों की प्रतिमा
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आकाशदीप की रिपोर्ट

उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्तिथ प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर में विगत वर्ष में महाकाल लोक का उद्धघाटन किया गया था। अक्टूबर माह में बन कर तैयार हुआ महाकाल लोक का उद्धघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था, जिसके बाद इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था। दिन प्रतिदिन महाकाल लोक की ख्याति बढ़ती चली गई और यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होने लगा। लेकिन महाकाल लोक के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल जब उठाने लगा, तब वहां लगी सप्तऋषि की मूर्तियां तेज आंधी में उड़ गई। आप भी सोच कर हैरान होंगे की कोई मूर्ति कैसे उड़ सकती है, लेकिन यह बात सच है बीते दिन मौसम ने अचानक करवट ली और तेज आंधी तूफान आया जिसका वेग यह मूर्तियां नहीं झेल सकी और उड़ कर जमीन पर गिर गई। हालांकि की इससे कोई जान हानि नहीं हुई लेकिन अब महाकाल लोक पर करोड़ो का खर्चा करने के बाद भी गुणवत्ता हीन कार्य किया गया जिसके चलते यह घटना घटी।

रविवार दोपहर करीब 30 किलोमीटर की रफ़्तार से हवाएं चली जिसके सामने यह मूर्तियां नहीं टीक पाई। प्रतीत होता है की मूर्तियों का निर्माण निम्न स्तर की चीजों से किया गया है जिसकी वजह से मूर्तियां बहुत हल्की है इसलिए वह हवा में उड़ गई। अक्सर आपने देखा होगा की मूर्तियां अष्टधातु की बनाई जाती है, लेकिन महाकाल लोक में लगी यह मूर्तियां अष्टधातु की प्रतीत नहीं होती बल्कि यह तो प्लास्टिक नुमा कोई पदार्थ से बनी है और अंदर से खोखली है। जानकारी अनुसार सप्तऋषि की करीब 5 से 6 मूर्तियां खंडित हुई है। वहीं आपको बता दे की महाकाल लोक परिसर में करीब 150 से ज्यादा प्रतिमाएं लगाई गई है जो की साडी देवी देवताओं की है, ऐसे में इन मूर्तियों का हवा में उड़ जाना और खंडित हो जाना करोड़ो भक्तों की भावना को ठेस पहुंचा रहा है। 

अब सवाल यह उठता है की जिम्मेदारों ने मूर्तियों का निर्माण हुआ तो उसकी गुणवत्ता क्यों नहीं जांची, जो की मौसम के शुरूआत में ही धराशाई हो गई। महज सात महीने पहले ही महाकाल लोक को श्रद्धालुओं हेतु खोला गया था। कहीं न कहीं अब प्रदेश की भाजपा की शिवराज सरकार पर महाकाल लोक को लेकर सवाल उठने लगे है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मुख्यमंत्री शिवराज से मांग करते हुए कहा है की  महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए। वहीं कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरते हुए महाकाल लोक में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, कांग्रेस द्वारा कहा गया की शिवराज जी क्या आपको महाकाल से भी डर नहीं लगता? महाकाल लोक के निर्माण में भी 50% कमीशन? जो लोग भगवान को धोखा देते हैं वो इंसानों को क्या छोड़ेंगे! कांग्रेस ने प्रेस वार्ता कर कहा की गुजरात की कंपनी को अवैध तरीक़े से काम दिया गया फिर बाद में सामान बदलकर गुजराती ठेकेदार को करोड़ों का लाभ पहुंचाया गया।

महाकाल में हुई इस घटना के बाद अब मंदिर के पंडे भी कह रहे है की जल्दी ही "तांडव" भी देखने को मिलेगा। ज्ञात हो महाकाल लोक का लोकार्पण 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। महाकाल लोक का निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जा रहा है यह निर्माण प्रथम चरण में हुआ था और द्वितीय चरण का कार्य चल रहा है। पहले चरण पर करीब 310 करोड़ रुपए खर्च किए गए और दूसरे चरण में करीब 700 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च होना है। मूर्तियां गिरने की सूचना पर प्रशासन हरकत में आया और एक टीम महाकाल लोक पहुंच गई। फिर श्रद्धालुओं को वह से सुरक्षित बहार निकाला गया, मामले में कलेक्टर का कहना है की तेज आंधी की वजह से मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिर गई है। आपको बता दें की फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी मूर्तियों की आयु करीब 10 वर्ष है। कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया की मूर्तियों का रखरखाव फिलहाल कंपनी ही करेगी, मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा। फ़िलहाल महाकाल लोक को दोबारा शुरू किया गया है।

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