75 साल से बना हुआ है इस परछाई का रहस्य, जो की 'शैडोज ऑफ हिरोशिमा' के नाम से जानी जाती हैं
75 साल से बना हुआ है इस परछाई का रहस्य, जो की 'शैडोज ऑफ हिरोशिमा' के नाम से जानी जाती हैं
Share:

जापान का हिरोशिमा दुनिया का पहला ऐसा शहर है, जहां पर परमाणु बम गिराया गया था. यह विध्वंसक घटना छह अगस्त, 1945 को हुई थी और बम अमेरिका ने गिराया था जो की काफी भयावह था. इसी शहर में एक जगह पर इंसान जैसी दिखने वाली एक ऐसी परछाई है, जो 75 सालों से सबके लिए रहस्य ही बनी हुई है. जी हां,  इस परछाई को 'द हिरोशिमा स्टेप्स शैडो' या 'शैडोज ऑफ हिरोशिमा' के नाम से जाना जाता है. दरअसल, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब हिरोशिमा पर परमाणु हमला हुआ था, तो लाखों लोग एक झटके में मौत के मुंह में समा गए थे. परछाई वाली ये तस्वीर भी धमाके वाली जगह से 850 फीट की दूरी पर खींची गई थी, जहां कोई व्यक्ति बैठा हुआ था.

कहा जाता हैं कि परमाणु बम की अथाह ताकत ने उस व्यक्ति को तो पूरी तरह से मिटा दिया, लेकिन उसकी परछाई को वो नहीं मिटा सका. इस छाया की वास्तविकता की कभी पहचान नहीं हो पाई कि वो व्यक्ति कौन था, जो वहां पर बैठा हुआ था. यह अब तक रहस्य ही बना हुआ है. एक अनुमान के अनुसार, हिरोशिमा परमाणु विस्फोट में लगभग एक लाख 40 हजार लोगों की मौत हुई थी. जब विस्फोट हुआ था तो उसमें से भयंकर ऊर्जा निकली थी और कहते हैं कि उसकी गर्मी की वजह से ही करीब 60 हजार से 80 हजार लोग मारे गए थे, जबकि बाद में परमाणु विकिरण संबंधी बीमारियों के चलते भी हजारों लोगों की मौत हो गई थी.

हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम का नाम 'लिटल ब्वॉय' था, जिसका वजन करीब 4400 किलोग्राम था. कहते हैं कि इस बम के फटने से जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी. जहां इंसान 50-55 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाता, ऐसे में जाहिर है 4,000 डिग्री सेल्सियस की गर्मी किसी भी इंसान को पलभर में जलाकर राख बनाने के लिए काफी थी.

भावनगर का ये स्कूल बना डिजिटल, ऐप के जरिए माता-पिता मिलती हैं सारी जानकारियां

एक कुत्ते को शेर समझ बैठे लोग, फिर हुआ कुछ ऐसा

दुनियाभर से इस उल्टे घर को देखने आते है पर्यटक

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -