नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी इस समय 10 दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने गुरुवार (1 जून) को वाशिंगटन के नेशनल प्रेस क्लब में सवालों का जवाब देते हुए एक बड़ा दावा कर डाला। भारत के बंटवारे में मुख्य भूमिका निभाने वाली पार्टी मुस्लिम लीग को उन्होंने पूरी तरह सेकुलर यानी धर्मनिरपेक्ष (Secular) बता दिया। दरअसल, राहुल गाँधी से सवाल किया गया था कि, 'आपने हिंदूवादी पार्टी भाजपा का विरोध करते हुए धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के संबंध में बात की। मगर, जिस केरल से आप लोकसभा सांसद थे, वहाँ कांग्रेस, मुस्लिम पार्टी मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में रही है।' इसके जवाब में कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गाँधी ने कहा कि, 'मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष (Secular) पार्टी है, मुस्लिम लीग में कुछ भी गैर धर्मनिरपेक्ष नहीं है। मुझे लगता है कि आपने मुस्लिम लीग के संबंध में नहीं पढ़ा है।'
Leader of Indian National Congress with leader of secular Muslim League.
— Facts (@BefittingFacts) June 2, 2023
And rest is history. pic.twitter.com/YXP8DiMRkH
मुस्लिम लीग के कारण ही हुआ देश का बंटवारा:-
हालाँकि, राहुल गांधी के इस बयान से ऐसा लगता है कि, उन्होंने खुद ही मुस्लिम लीग के बारे में नहीं पढ़ा है। दरअसल, मुस्लिम लीग का इतिहास बेहद हैरान करने वाला है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) का दावा है कि भारत के आज़ाद होने के बाद साल 1948 में उसकी स्थापना हुई। मगर, वास्तविकता यह है कि IUML पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की ऑल इंडिया मुस्लिम लीग (AIML) की एक ब्रांच ही है। भारत के बंटवारे के बाद जिन्ना की ऑल इंडिया मुस्लिम लीग (AIML) को ही पाकिस्तान में मुस्लिम लीग और भारत में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के रूप में स्थापित किया गया था। बता दें कि, इसी मुस्लिम लीग ने मुस्लिमों के एक अलग देश की माँग पुरजोर तरीके से उठाई थी और बंटवारे के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम लीग (AIML) की भावनाओं और इरादों को आज़ाद भारत में जीवित रखने के लिए मार्च 1948 में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) को स्थापित किया गया। यहाँ तक कि, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के पहले अध्यक्ष मुहम्मद इस्माइल ने भारत विभाजन आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं, मुहम्मद इस्माइल बँटवारे और मुस्लिमों के लिए अलग देश बनाए जाने का समर्थक था।
संविधान में शरिया कानून चाहती थी मुस्लिम लीग:-
गौर करने वाली बात यह भी है कि जिस इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को राहुल गांधी पूरी तरह ‘धर्मनिरपेक्ष पार्टी’ बता रहे हैं, उसके प्रथम अध्यक्ष मुहम्मद इस्माइल ने संविधान सभा में भारतीय मुसलमानों के लिए शरिया कानून को बरकरार रखने की वकालत की थी। भारत के बंटवारे के बाद मुस्लिमों की पहली सियासी पार्टी IUML के संस्थापक और अध्यक्ष मुहम्मद इस्माइल ने पाकिस्तान के क़ायद-ए-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की तरह दावा किया था कि वह (इस्माइल) और उनकी पार्टी IUML भारत के मुसलमानों की एक मात्र हितैषी पार्टी है। हालाँकि, बाद में भले ही कांग्रेस ने वोट बैंक की लालच में आकर के लिए मुस्लिम लीग से हाथ मिला लिया हो, किन्तु, कभी देश के प्रथम पीएम रहे जवाहर लाल नेहरू ने जिन्ना की मुस्लिम लीग से गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया था। कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति के चलते ही IUML जैसी इस्लमावादी पार्टी को मुस्लिमों के हितों की रक्षा करने के नाम मजहबी सियासत करने का सबसे बड़ा सहारा मिला।
मराड हिन्दू नरसंहार में शामिल थी मुस्लिम लीग:-
बता दें कि, राहुल गांधी जिस IUML के सेक्युलर होने का दावा कर रहे हैं, उसका नाम केरल में सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने के मामले में भी सामने आ चुका है। न्यायमूर्ति थॉमस पी जोसेफ आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2003 में केरल में हुए मराड नरसंहार की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) भी शामिल थी। जस्टिस जोसेफ आयोग की रिपोर्ट में मराड नरसंहार को ‘इस्लामी कट्टरपंथियों और आतंकी संगठनों की सांप्रदायिक साजिश’ करार दिया गया था। इस नरसंहार में मराड बीच के किनारे बैठे मछुआरों और पास के मंदिर से लौट रहे श्रद्धालुओं पर कट्टरपंथियों की भीड़ ने तलवार, चाक़ू आदि हथियारों के साथ हमला कर दिया था। जिसमे 8 निर्दोष हिंदू मछुआरों की मौत हो गई थी और 2 महिला समेत 16 हिंदू गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। इसमें CPM, PFI और IUML की मिलीभगत पाई गई थी। पुलिस को उस समय जुमा मस्जिद के अंदर से 90 देसी बम और 40 चाकू मिले थे। इसके साथ ही, वर्ष 2017 में CBI ने IUML नेताओं के खिलाफ हिंसा के मामले की जाँच करते हुए एक नई प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले की जांच में राहुल गांधी द्वारा सेक्युलर बताई जाने वाली इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के पीपी मोइदीन कोया और मोईन हाजी को दंगों के लिए फंडिंग करने, साजिश रचने में शामिल पाया गया था।
Acc to Rahul Gandhi, Muslim League is completely a secular party.
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) June 2, 2023
So Pakistan must be completely a secular country and Jinnah must be the mother of Indian democracy.
यही सब कारण हैं कि, राहुल गांधी द्वारा मुस्लिम लीग को सेक्युलर बताए जाने का पाकिस्तान में भी मज़ाक बनाया जा रहा है। Pakistan Untold ट्विटर हैंडल से लिखा गया है कि, राहुल गांधी के अनुसार मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेक्युलर पार्टी है। इसलिए पाकिस्तान को पूरी तरह से एक धर्मनिरपेक्ष देश होना चाहिए और जिन्ना को भारतीय लोकतंत्र का जनक होना चाहिए। बता दें कि, यह ट्विटर हैंडल पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर कट्टरपंथियों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठता रहता है ।