"दुनिया में कितना गम है, मेरा गम कितना कम है,
लोगों का गम देखा तो मैं अपना गम भूल गया."
यह लाइन्स किसी फिल्म के गाने की है, हालाँकि पढ़ने में यह जरूर साधारण सी लगेगी लेकिन इन लाइन्स के मायने काफी गहरे जो शायद हमारी समझ से परे है. हम यहाँ रहकर दिनभर में न जाने कितनी ही चीजों के लिए कभी माँ कभी दोस्त तो कभी खुद से शिकायत करते रहते है लेकिन एक देश ऐसा भी है जहाँ पर लोग दो समय की अन्न की रोटी से दूर, मिट्टी की रोटी खाने को मजबूर है.
हैती नाम का एक देश है जहाँ का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिससे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी शेयर करते हुए इमोशनल अपील की है. हैती नाम के इस देश में लोग भूख से इस कदर ग्रसित है कि वो एक तरह की मिट्टी में नमक मिलाकर मिट्टी को गिला करते है फिर उसकी रोटी बनाकर उसे सुखाते है, और खाते है. कुल मिलाकर देखा जाए तो यहाँ के लोग कीचड़ खाने के लिए मजबूर है.
मानवता को शर्मसार करने वाली इस खबर के बारे में जब अधिक रिसर्ज की तो पाया कि हैती वहीं देश है जहाँ से कोलंबस को एशिया और भारत की खोज के सुराग मिले थे. वहीं इस वीडियो को शेयर करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने लोगों से अपील करते हुए लिखा है कि "लोग मिट्टी की रोटी खाने के लिए मजबूर है, कृपया कृपया आप खाने को बर्बाद न करे."
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