नई दिल्ली: रेलवे मंत्रालय की मांगों पर चर्चा करने के लिए लोकसभा ने गुरुवार को 12 घंटे से ज्यादा समय तक अपनी कार्यवाही जारी रखते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया. इस मुद्दे पर आधी रात से दो मिनट पहले चर्चा ख़त्म हुई. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्रलाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि चर्चा आधी रात तक चली क्योंकि प्रत्येक सदस्य इसका हिस्सा बनना चाहता था.
जोशी ने कहा है कि तक़रीबन 18 सालों में यह पहली दफा था, जब निचले सदन की कार्यवाही इतने लंबे समय तक चली. उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया. "निस्संदेह, यह एक रिकॉर्ड था." बहस के दौरान, विपक्ष ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने रेलवे को विकसित करने के स्थान पर उसकी संपत्ति को बेच दिया. जबकि सरकार ने तर्क दिया कि संप्रग सरकार के वक़्त अपेक्षाकृत पूंजीगत व्यय दोगुना हो गया था.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकपा), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) और अन्य विपक्षी पार्टियों ने रेलवे पर "निजीकरण" की कोशिश का आरोप लगाया. इस दौरान बुलेट ट्रेन भी विपक्ष के हमले से बच नहीं पाई और इसके लिए भी उसे आलोचना झेलनी पड़ी. रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगदी ने दखल देते हुए सरकार का बचाव किया और लोकसभा को बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बहुत सारे विकास कार्य हुए हैं.
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