नीमच से राजेन्द्र सिंह राठौड़ की रिपोर्ट
नीमच। नीमच में पदस्थ सब रजिस्ट्रार शैलेन्द्र दंडोतिया की ज्यादतियों से आम रजिस्ट्री करवाने वाला परेशान था ।किसी ना किसी बहाने रजिस्ट्री को रोकने की आदत हो गई थी ।कुछ दिनों पहले एक रजिस्ट्री को रोक दी थी कहा सड़क किनारे है देखना पड़ेगा । ब्रोकर ओर पार्टी के आग्रह के बाद भी अपनी ज़िद्द पर अड़े रहे ।
इस पर रीयल स्टेट के कारोबारियों ने विरोध स्वरूप कलेक्टर को शिकायत की जिसपर कलेक्टर के द्वारा उप पंजीयक के खिलाफ जांच बैठा दी । 26 सितम्बर को जांच अधिकारी ने रिपोर्ट देते हुए इसमे उप पंजीयक के द्वारा रजिस्ट्री को अधूरी छोड़ने को गलत बताया था । इधर रियल स्टेट के ग्रुप ने महानिरीक्षक पंजीयक को भी शिकायत की थी । वैसे भी शैलेन्द्र दंडोतिया जंहा भी रहे विवादित रहे है । नीमच से भी शिकायत जाने पर महापंजीयक की नाराजगी स्वाभाविक थी । उक्त पंजीयन की जांच के आदेश भी महापंजीयक ने दे दिए थे ।और इस दरमयान अधूरी छोड़ी रजिस्ट्री की प्रकिया को पूर्ण कर रजिस्ट्री के आदेश दिए गए । आदेश का पालन करते हुए शैलेन्द्र को रजिस्ट्री करनी पड़ी ।
इस प्रकार भृष्टाचार के खिलाफ की जंग में जीत हासिल हुई । ये माना जा रहा है कि निकट समय मे शैलेन्द्र का ट्रांसफर भी हो सकता है। एक रियल स्टेट व्यवसायी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रजिस्ट्री निर्विवादित करवाने का ब्रोकर आधे से एक प्रतिशत खर्चा पानी या कुछ ना कुछ एक सिस्टम के अनुसार देते ही है । फिर भी कोई अधिकारी अतिशयोक्ति कर हमें मजबुर कर देते है ।हालात यहाँ तक पँहुच जाते है कि गलत काम बिना विवाद के हो जाते है । इस प्रकरण ने रियल स्टेट कारोबारियों ने संतोष व्यक्त किया कहा कि अभी भी इंसाफ जिंदा है ।जंहा तलाब में भृष्ट है वँहा ईमानदार भी है।
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